वित्त आयोग के चेयरमैन एन. के. सिंह ने शनिवार को राजकोषीय लक्ष्य हासिल करने में चूक को लेकर चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि इसका देश की स्थिर वृहद आर्थिक परिदृश्य और निवेश पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. वित्त आयोग की यह टिप्पणी मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कुछ राज्यों द्वारा किसानों की कर्ज माफी के बाद आई है. सिंह ने आशंका जताई कि कुछ राज्य राजकोषीय लक्ष्य की प्राथमिकता के अनुरूप नहीं चल रहे हैं. पहले ऐसा नहीं था. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर बल

संस्थागत तंत्रों के माध्यम से केंद्र और राज्य के संबंधों को मजबूत किया जाना चाहिये. उन्होंने यहां "स्कॉच सम्मेलन" में एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को श्रम, भूमि और पूंजी जैसे उत्पादन कारकों से जुड़ी सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर गौर करना चाहिये. कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देबरॉय ने कहा कि देश की [node:field_tags]राजकोषीय लक्ष्य, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये सभी संस्थागत संरचनाओं का फिर से निरीक्षण करने की जरुरत है.

भारत में प्रति व्यक्ति आय 2,000 डॉलर के स्तर पर पहुंच रही है तथा यह अभी और आगे बढ़ेगी लेकिन इसमें अभी भी चुनौतियां बरकरार है. उन्होंने कहा, "हां, भारत की प्रति व्यक्ति आय और बढ़ेगा, हां भारत में 2030 या 2040 तक बदलाव आयेगा लेकिन सभी का कहना है कि भारत तब भी तुलनात्मक रूप से गरीब देश बना रहेगा." 

(इनपुट एजेंसी से)