Excise Duty on Petrol-Diesel: कोविड-19 महामारी के साल 2020-21 में केंद्र सरकार की पेट्रोल और डीजल से होने वाली एक्‍साइज ड्यूटी से कमाई (Excise Duty Collection) दोगुने से अधिक बढ़कर 3.72 लाख करोड़ रुपये हो गई. इसमें से राज्यों को 20,000 करोड़ रुपये से भी कम की रकम दी गई. सरकार ने यह जानकारी मंगलवार को राज्यसभा में दी. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राज्‍य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्‍साइज ड्यूटी के रूप में टैक्स कलेक्शन साल 2019-20 में 1.78 लाख करोड़ रुपये था. साल 2020-21 (अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक) में यह बढ़कर 3.72 लाख करोड़ रुपये हो गया.

फ्यूल पर टैक्‍स से बढ़ा कलेक्‍शन 

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कलेक्शन में इजाफा खास तौर से फ्यूल पर टैक्‍सेशन (Taxation on Fuel) में हुई बढ़ोतरी के चलते हुई है. साल 2019 में पेट्रोल पर कुल एक्‍साइज ड्यूटी 19.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.83 रुपये प्रति लीटर थी. सरकार ने पिछले साल दो बार ड्यूटी बढ़ाकर पेट्रोल पर यह रेट 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये कर दी थी. 

इस साल के बजट में पेट्रोल पर शुल्क को घटाकर 32.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर किया गया था. इस महीने पेट्रोल पर 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई, क्योंकि देश भर में तेल के रिटेल भाव रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए थे. वित्‍त राज्‍य मंत्री ने कहा, “वित्त वर्ष 2020-21 में सेंट्रल एक्‍साइज ड्यूटी कलेक्‍शन से राज्य सरकारों को कुल टैक्‍स की रकम 19,972 करोड़ रुपये दी गई.”

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पेट्रोल-डीजल पर अभी कितनी है एक्‍साइज ड्यूटी

पेट्रोल पर कुल एक्‍साइज ड्यूटी फिलहाल 27.90 रुपये प्रति लीटर है और डीजल पर 21.80 रुपये है. राज्‍यों को केवल बेसिक एक्‍साइज ड्यूटी से हिस्सा जारी किया जाता है. टैक्‍सेशन के कुल मामलों में से पेट्रोल पर बेसिक एक्‍साइज ड्यूटी 1.40 रुपये प्रति लीटर है. इसके अलावा, स्‍पेशल एडिशनल एक्‍साइज ड्यूटी 11 रुपये और रोड व इंफ्रा सेस 13 रुपये प्रति लीटर लगाया जाता है. इसके ऊपर 2.50 रुपये का एग्री इंफ्रा व  डेवलपमेंट सेस लगाया जाता है. 

इसी तरह डीजल पर बेसिक एक्‍साइज ड्यूटी 1.80 रुपये प्रति लीटर है. 8 रुपये प्रति लीटरस्‍पेशल एडिशनल एक्‍साइज ड्यूटी और सड़क व इंफ्रास्ट्रक्चर सरचार्ज के रूप में लिया जाता है, जबकि 4 रुपये प्रति लीटर एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट सरचार्ज भी लगाया जाता है. 

चौधरी ने बताया कि राज्य सरकारों को दिया जाने वाला हिस्सा, बेसिक एक्‍साइज ड्यूटी कम्‍पोनेट से वित्त आयोग की ओर से समय-समय पर निर्धारित फॉमूले के आधार पर तय किया जाता है. बता दें, पेट्रोल और डीजल फिलहाल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में नहीं है. राज्य, केंद्र द्वारा लगाई गई एक्‍साइज ड्यूटी के आगे VAT (वैल्‍यू एडेड टैक्‍स) लगाते हैं.