डेटा का दुरुपयोग, मिस सेलिंग पर लगाम लगाएं फाइनेंस कंपनियां, बाजार बिगाड़ने का न करें काम- CEA
Finance Industry: वी अनंत नागेश्वरन ने फाइनेंस इंडस्ट्री से आत्मसंयम बरतने और बाजार बिगाड़ने वाली गतिविधियों, उत्पादों की गलत बिक्री और डेटा के दुरुपयोग पर लगाम लगाने के लिए कहा.
Finance Industry: मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने फाइनेंस इंडस्ट्री (Finance Industry) से आत्मसंयम बरतने और बाजार बिगाड़ने वाली गतिविधियों, उत्पादों की गलत बिक्री और डेटा के दुरुपयोग पर लगाम लगाने के लिए कहा. नागेश्वरन ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि फाइनेंशियल सेक्टर के लिए नियमन ‘डकैती’ को तो रोक सकते हैं लेकिन इस अपराध पर लगाम तभी लग सकती है जब खुद डकैत ही सुधरने का फैसला करेगा. उन्होंने कहा, डेटा का दुरुपयोग, गलत उत्पादों की बिक्री, बाजार बिगाड़ने वाले तरीकों पर रोक लगानी होती है. इस मामले में खुद पर ही निगाह रखना सबसे अच्छी निगरानी है.
ग्राहकों के साथ गलत तरीके अपनाने का आरोप
पिछले कुछ समय में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स से जुड़ी कई कंपनियों पर ग्राहकों के साथ गलत तरीके अपनाने के आरोप लगे हैं. महिंद्रा फाइनेंस (Mahindra Finance) जैसी फाइनेंस कंपनियां अपने कर्ज की वसूली के लिए कर्जदारों को डराने-धमकाने के भी तरीके आजमाती रही हैं. इस पर उन्हें नियामकीय कठोरता का भी सामना करना पड़ा है. वहीं ऑनलाइन लोन देने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म भी इस समय कर्जदारों के लिए बड़ी चिंता का सबब बनी हुए हैं.
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जल्द पैसे बनाने की पेशकश का मामला उठा
नागेश्वरन ने कहा कि एक दिन पहले उनकी बाजार नियामक सेबी (Sebi) की प्रमुख से हुई मुलाकात में शेयर बाजारों में कारोबार से बहुत जल्द पैसे बनाने की पेशकश का मामला उठा. उन्होंने कहा कि निवेशकों को एक ही दिन में 5,000 रुपये को 6,000 रुपये बना देने के वादे किए जा रहे हैं जबकि ऐसे वादों को पूरा कर पाना मुमकिन नहीं है.
उन्होंने कहा कि वित्तीय कंपनियों के पास अपने ग्राहकों के वित्तीय आचरण से जुड़े तमाम आंकड़े होते हैं लेकिन उनके लिए आत्मसंयम का परिचय देना बहुत जरूरी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आंकड़ों तक पहुंच और कम लोन आवंटन आधार होने से वित्तीय संस्थान कर्ज देने में समुचित फैसले लेंगे.
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सीईए ने कहा कि देश में डेट विस्तार का एक और दौर शुरू होने वाला है जो कि पिछले दौर से कहीं अधिक तेजी से घटित होगा. उन्होंने कहा, अगर भारत को छह प्रतिशत से अधिक दर से लगातार बढ़ना है तो हमें ऐसे वित्तीय चक्र की जरूरत होगी जो आधे दशक में ही खत्म न हो जाए.
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