Cabinet Decision: किसानों के लिए अच्छी खबर है. केंद्रीय कैबिनेट ने खरीफ सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. बुधवार को हुई मोदी सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में इसे मंजूरी दी गई. साल 2022-23 के लिए खरीफ फसलों का MSP बढ़ने से किसानों को अब नए दाम पर अपनी फसल की बिक्री करने का मौका मिलेगा. उनकी कमाई में इजाफा होगा.  

किन फसलों की कितनी बढ़ी MSP

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फसल    एमएसपी (प्रति क्लिंटल

मूंग        480

उड़द        300

धान        100

मूंगफली    300

बाजरा    100

अरहर    300

ज्वार        232

सूरजमुखी    385

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सबसे ज्यादा बढ़ाया MSP

साल 2018-19 सीजन के बाद इस बार MSP में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी होने की संभावना है. धान, सोयाबीन और मक्का के अलावा मूंगफली, तुअर, मूंग, ज्वार, बाजरा और रागी के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी मिलेगी. इस सीजन में कुल 14 फसलों का MSP बढ़ाया जाएगा. ऐसी भी चर्चा है कि सरकार सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दलहन और तिलहन की फसलों में कर सकती है. 

क्या होता है MSP?

MSP- न्यूनतम समर्थन मूल्य वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार, किसानों से फसल खरीदती है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि सरकार, किसान से खरीदी जाने वाली फसल पर उसे जो पैसे चुकाती है वही MSP होता है. इससे नीचे किसानों को उनकी फसलों के लिए भुगतान नहीं किया जाता

क्यों तय किया जाता है MSP?

किसी फसल का MSP इसलिए तय किया जाता है ताकि किसानों को किसी भी हालत में उनकी फसल के लिए एक वाजिब न्यूनतम मूल्य मिलता रहे.

कौन तय करता है MSP?

न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान सरकार की तरफ से कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिश पर साल में दो बार रबी और खरीफ के मौसम में किया जाता है. गन्ने का समर्थन मूल्य गन्ना आयोग तय करता है.