Cabinet Decision: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक में बड़ा फैसला हुआ है. कैबिनेट ने गेहूं और मैसलिन आटे के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है. सरकार ने गेहूं आटे (Wheat Flour) के दाम में तेजी पर लगाम लगाने के लिये इसके निर्यात पर अंकुश लगाने का निर्णय किया. आधिकारिक बयान के अनुसार, कैबिनेट के इस फैसले से अब गेहूं के आटे के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति होगी. इससे आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगेगा और समाज के सबसे कमजोर तबके के लिये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय इस बारे में अधिसूचना जारी करेगा.

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रूस और यूक्रेन गेहूं के प्रमुख निर्यातक हैं. दोनों देशों की वैश्विक गेहूं व्यापार में लगभग एक-चौथाई हिस्सेदारी हैं. दोनों देशों के बीच युद्ध से गेहूं की आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हुई है. इससे भारतीय गेहूं की मांग बढ़ गई है. इसके कारण घरेलू बाजार में गेहूं के दाम में तेजी देखने को मिली है.

गेहूं के निर्यात पर रोक

इससे पहले, सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये मई में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. हालांकि, इससे गेहूं के आटे की विदेशी मांग में उछाल आया. भारत से गेहूं आटे का निर्यात इस साल अप्रैल-जुलाई में सालाना आधार पर 200% बढ़ा है.

बयान के अनुसार, इससे पहले गेहूं के आटे के निर्यात पर रोक या कोई प्रतिबंध नहीं लगाने की नीति थी. ऐसे में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और देश में गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये इसके निर्यात पर प्रतिबंध/प्रतिबंधों से छूट को वापस लेकर नीति में आंशिक संशोधन की जरूरत थी.