Budget Impact: रेजिडेंशियल हाउसिंग पर बदल जाएगा LTCG का नियम, एक्सपर्ट से समझें इसका नफा-नुकसान
Budget Impact on LTCG in Residential House: नए नियमों के मुताबिक, कैपिटल गेन से रियायत पाने के लिए निवेश की लिमिट 10 करोड़ रुपये तक होगी. एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार का यह फैसला वैसे तो निवेशकों और सेक्टर के लिए पॉजिटिव नहीं है. लेकिन, एक बड़े तबके के होम बायर्स या निवेशकों को इस प्रावधान का कोई नुकसान नहीं होगा.
Budget Impact on LTCG in Residential House: सरकार ने वित्त विधेयक 2023 (Finance Bill 2023) में रेजिडेंशियल हाउसिंग प्रॉपर्टी से होने वाले कैपिटल गेन पर टैक्स छूट के नियमों में बदलाव किया गया. मौजूदा टैक्स नियमों के मुताबिक, अगर कोई भी व्यक्ति रेजिडेंशियल हाउस की बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन को एक तय समय सीमा दूसरी प्रॉपर्टी खरीदने में निवेश करता है, तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स से छूट मिलती है. अब सरकार ने इसमें कैपिंग कर दी है. नए नियमों के मुताबिक, कैपिटल गेन से रियायत पाने के लिए निवेश की लिमिट 10 करोड़ रुपये तक होगी. एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार का यह फैसला वैसे तो निवेशकों और सेक्टर के लिए पॉजिटिव नहीं है. लेकिन, एक बड़े तबके के होम बायर्स या निवेशकों को इस प्रावधान का कोई नुकसान नहीं होगा.
टैक्स एंड इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन का कहना है, रेजिडेंशियल हाउसिंग पर कैपिटल गेन्स के मामले में कैपिंग लगाना सीधे तौर पर तो निवेशकों को नुकसान पहुंचाने वाला है. लेकिन, इसका बड़ा असर हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) पर होगा. नए प्रावधानों में सरकार ने 10 करोड़ रुपये की कैपिंग कर दी है. इसका मतलब कि, अगर आप 10 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो 10 करोड़ तक ही कैपिटल गेन टैक्स से रियायत ले सकेंगे.
बलवंत जैन का कहना है, इस कैपिंग से सरकार का मकसद यह है कि HNIs टैक्स रियायतों को ज्यादा लाभ न उठा पाएं. यानी, जो लोग टैक्स भरने की क्षमता रखते हैं, उनसे टैक्स लिया जाए. वे ज्यादा टैक्स एग्जम्प्शन का फायदा न ले पाए. दूसरी ओर, आम होम बायर्स या निवेशकों पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि रेजिडेंशियल हाउसिंग में ज्यादातर डील साइज 10 करोड़ से कम ही रहती है. इससे ज्यादा के टिकट साइज में HNIs ही डील करते हैं.
क्या है प्रावधान, क्या हुए बदलाव
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 के अंतर्गत आपको एक आवासीय मकान की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर छूट मिलती है, अगर आपने एक निश्चित समय सीमा के भीतर आवासीय मकान खरीदने या निर्माण करने के लिए उस रकम का निवेश करते हैं. इसी तरह, सेक्शन 54F आपको रेजिडेंशियल हाउस के अलावा किसी भी संपत्ति की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से टैक्स छूट मिलती है, अगर आप एक निश्चित समय सीमा के भीतर आवासीय घर खरीदने या बनाने के लिए मिली कुल रकम का निवेश करते हैं.
मौजूदा समय में रेजिडेंशियल हाउस के निवेश करके LTCG से छूट क्लेम करने के लिए कोई निश्चित रकम की पाबंदी नहीं है. बजट 2023 के प्रस्तावों के मुताबिक, अगर आप धारा 54 या 54F में कैपिटल गेन पर टैक्स छूट क्लेम करेंगे तो, रेजिडेंशियल हाउस में निवेश के वैल्यू 10 करोड़ से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. हालांकि, आप जिस मकान को खरीदना या निवेश करना चाहते हैं, उसकी वैल्यू पर कोई प्रतिबंध नहीं है. यानी 10 करोड़ से ज्यादा को रेजिडेंशियल हाउस ले सकते हैं लेकिन छूट सिर्फ 10 करोड़ तक रकम ही क्लेम कर सकते हैं.
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