Budget 2024: टैक्सपेयर्स का दिल चाहता है- 'टैक्स फ्री सैलरी'! टैक्स छूट की लिमिट हो दोगुनी, 5 लाख तक बढ़े दायरा
Budget 2024: उम्मीद की जा रही है कि इस बार तो वित्त मंत्री टैक्सपेयर्स का दिल क्या चाहता है ये महसूस करेंगी. एक दशक इस आस में बीता है कि केंद्र की मोदी सरकार बेसिक लिमिट बढ़ाकर टैक्सपेयर्स को टैक्स फ्री सैलरी में थोड़ी राहत दे.
डिमांड है इनकम टैक्स की एग्जम्प्शन लिमिट को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जाए.
डिमांड है इनकम टैक्स की एग्जम्प्शन लिमिट को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जाए.
बजट आ रहा है. 1 फरवरी दूर नहीं है. वित्त मंत्री बजट की तैयारियों में जुट गई हैं. वहीं, टैक्सपेयर्स की उम्मीदों से भरी आंखें भी उनकी तरफ देख रही हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस बार तो वित्त मंत्री टैक्सपेयर्स का दिल क्या चाहता है ये महसूस करेंगी. एक दशक इस आस में बीता है कि केंद्र की मोदी सरकार बेसिक लिमिट बढ़ाकर टैक्सपेयर्स को टैक्स फ्री सैलरी में थोड़ी राहत दे. लेकिन, हालात इस बार फिर से अलग हैं. चुनावी साल है तो उम्मीद ज्यादा हैं. डिमांड है इनकम टैक्स की एग्जम्प्शन लिमिट को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जाए. मतलब दोगुनी होनी चाहिए. हालांकि, वित्त मंत्री ने ये जाहिर किया है कि इस साल बजट वोट-ऑन-अकाउंट होगा. मतलब कोई बड़े ऐलान तो नहीं होंगे. मतलब इंडस्ट्रीज के लिए कोई ठोस ऐलान नहीं होने जा रहे हैं. लेकिन, फिर भी एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस स्थिति में भी टैक्सपेयर्स को राहत दी जा सकती है.
5 लाख रुपए होनी चाहिए बेसिक टैक्स छूट
नौकरी करने वालों के लिए अभी तक टैक्स फ्री लिमिट (Income tax Basic Exemption limit) 2.5 लाख रुपए है. लेकिन, अब इसे बढ़ाया जाना चाहिए. बजट 2024 में वित्त मंत्री इस तरफ ध्यान दे सकती हैं. एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि साल 2024 में दो बार बजट पेश होना है. पहला वोट-ऑन-अकाउंट होगा, वहीं दूसरा पूर्ण बजट होगा. यूनियन बजट 2024 में सैलरीड मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इनकम टैक्स की बेसिक लिमिट 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करनी चाहिए.
इकोनॉमी बूस्ट के लिए जरूरी है बेसिक छूट का दायरा बढ़े
कंजम्प्शन को बढ़ावा देने और आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने के लिए एक्सपर्ट्स भी बजट 2024 में केंद्र सरकार से बेसिक छूट सीमा को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की मांग कर रहे हैं. Assocham की एक रिपोर्ट के मुताबिक, "पर्सनल टैक्स की छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने से मिडिल क्लास के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा. इससे आर्थिक विकास में डिमांड आने से बढ़ावा मिलेगा." पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट्स पंकज मठपाल का भी मानना है कि "इस बात की अच्छी संभावना है कि सरकार आगामी बजट में बेसिक छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दे. ऐसा करने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. क्योंकि, जिन टैक्सपेयर्स की कुल इनकम 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं है उन्हें टैक्स (धारा 87A) में पहले से ही राहत मिल रही है.
महंगाई को ध्यान में रखते हुए भी हो सकता है फैसला
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एक्सपर्ट का मानना है कि अगर बेसिक छूट बढ़ जाती है तो इससे सभी टैक्सपेयर्स को फायदा मिलेगा. उन्हें भी जिनकी आय 5 लाख रुपए से ज्यादा है. उच्च मुद्रास्फीति (हाई इंफ्लेशन) को एडजस्ट करने में भी इससे मदद मिल सकती है. अगर देखा जाए तो बेसिक छूट का दायरा एक दशक पहले बढ़ाया गया था. ऐसे में इसे बढ़ाकर टैक्सपेयर्स का बोझ जरूर कम करना चाहिए. पिछले कुछ वर्षों में कोविड-19 महामारी और उच्च मुद्रास्फीति के कारण हजारों मिडिल क्लास की कमाई में कमी आई है. लोअर मिडिल इनकम क्लास वाले उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कर छूट में बढ़ोतरी सबसे एक ठोस पॉलिसी साबित हो सकती है. इससे सरकार के टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन पर भी सबसे कम प्रभाव पड़ेगा. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का बड़ा हिस्सा हायर इनकम वाले टैक्सपेयर्स से आता है.
10 साल बाद बढ़ेगी टैक्स छूट?
मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. पहला कार्यकाल साल 2014 में शुरू हुआ था. उस दौरान सत्ता में आते ही सरकार ने टैक्सपेयर्स को बड़ी खुशखबरी दी थी. सरकार ने बेसिक टैक्स छूट को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख किया था. लेकिन, उसके बाद से पिछले 10 साल में इनकम टैक्स स्लैब में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ. लेकिन, आगामी चुनाव को देखते हुए सरकार इस पर कुछ राहत दे सकती है. इकोनॉमिस्ट से लेकर फाइनेंशियल एक्सपर्ट तक सबका मानना है कि टैक्स छूट की लिमिट में बदलाव होना चाहिए.
आखिरी बार कब बदला था इनकम टैक्स स्लैब?
साल 2017-18 के बजट में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक के इनकम वर्ग पर टैक्स का बोझ कम किया था. उन्होंने इस स्लैब पर टैक्स 10% से घटाकर 5% किया था. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 87A में 2.5 लाख से 3.5 लाख तक कमाने वालों के लिए रीबेट को 5000 से घटाकर 2500 किया गया था. ऐसे में इस बार टैक्स छूट लिमिट को बढ़ाकर टैक्सपेयर्स के बोझ को कम किया जाना चाहिए.
02:07 PM IST