Budget 2023: बजट 2023 पेश हो चुका है. वित्त मंत्री ने बजट में कईं तरह के ऐलान किए हैं. ग्रोथ पर ज्यादा फोकस रहा है. कैपिटल एक्सपेंडिचर काफी अच्छा रहा है. इसके अलावा वित्तीय घाटे के लक्ष्य को भी एक रेंज में रखा गया है. लेकिन, मार्केट एक्सपर्ट्स की नजर में बजट कैसा है? ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर इसे एक्सपर्ट्स के साथ डिकोड कर रहे हैं. कोटक AMC के नीलेश शाह के मुताबिक, बजट काफी बैलेंस्ड दिखाई देता है. लेकिन, ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए कई अहम कदम उठाए जा सकते हैं.

क्या कहा नीलेश शाह ने बजट के बारे में?

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ज़ी बिज़नेस की नीलेश शाह से बात चीत पर नीलेश शाह ने बजट के बारे में कहा कि- “पाथ ऑफ फिस्कल प्रूडेंस, हमारा जो प्रीमियम वैल्यूएशन जो दूसरे देश के मार्केट के सामने चलता हैं, उसके 3 G हैं, - ग्रोथ, गवर्नेंस एंड ग्रीन कमिटमेंट. ग्रोथ का रीज़न होता है कि आप अपने ट्विन डेफिसिट को कम करे. फिस्कल डेफिसिट कंट्रोल में है, ट्रेड डेफिसिट कंट्रोल में हैं. तो इंफ्रास्ट्रक्चर पर स्पेंडिंग करेंगे तो मल्टीप्लायर इफ़ेक्ट से ग्रोथ आएगा. तो, दुनिया के बाकि देश फिस्कल स्पेंड कर रहे हैं, फिस्कल स्टिमुलस दे रहे हैं. हम आज भी फिस्कल प्रूडेंस का पाथ ऊपर की तरफ ले जा रहे हैं. ये इस बजट की सबसे बड़ी चीज़ हैं.”

 

 

बजट में राजकोषीय घाटे पर क्या हुई बात?

बुधवार को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) को वित्त वर्ष 2025-26 तक कम करके 4.5 प्रतिशत से नीचे लाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए टैक्स प्राप्तियों को 23.3 लाख करोड़ रुपये पर रखा गया है. इसके अलावा राज्यों को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.5 प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे की परमिशन होगी. लोकसभा में 2023-24 के लिए आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे की भरपाई करने के लिए, डेटेड सिक्योरिटीज से शुद्ध बाजार कर्ज 11.8 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है.

वित्त मंत्री ने  बजट 2023-24 के अनुमान में कुल प्राप्तियां और कुल खर्च क्रमश: 27.2 लाख करोड़ और 45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है. राजकोषीय घाटे (fiscal deficit target) की बात करें तो यह जीडीपी के 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने Union Budget 2023 भाषण में कहा कि उन्होंने साल 2021-22 के बजट भाषण में कहा था कि हम कालांतर में राजकोषीय घाटे को लगातार कम करने के साथ-साथ, साल 2025-26 तक इसे 4.5 प्रतिशत से नीचे रखने के लिए ट्रेजरी कॉन्सोलिडेशन (राजकोषीय समेकन) की राह पर चलते रहेंगे.

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनुमान

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए संशोधित अनुमान में वित्त मंत्री ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य (fiscal deficit target) 6.4 प्रतिशत रखा है, जो बजट अनुमान के मुताबिक ही है. हालांकि, अगले वित्त वर्ष के लिए इसे घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने इसे जीडीपी के 6.4 प्रतिशत पर रखा था. चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा  (fiscal deficit) 16,61,196 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.

 

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