Budget 2023: बजट से पहले समझें फिस्कल डेफिसिट का गणित, क्यों इतनी चर्चा में रहता है ये शब्द
Budget 2023: बजट (Budget 2023) को समझने से पहले इससे जुड़ी टर्म को समझना जरूरी है. आज बात करें करेंगे फिस्कल डेफिसिट के बारे में. जब-जब बजट की बात होती है, तब फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) के बारे में जरूर चर्चा होती है.
Budget 2023: 1 फरवरी को देश का यूनियन बजट पेश होगा. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट (Union Budget) पेश करेंगी. कई बार बजट आम लोगों को समझ नहीं आता है, ऐसा इसलिए क्योंकि बजट में कई ऐसे भारी-भरकम शब्दों का इस्तेमाल होता है, जो आम लोगों को समझ नहीं आते. लेकिन यहां हम आपको आसान भाषा में बजट समझा रहे हैं. बजट (Budget 2023) को समझने से पहले इससे जुड़ी टर्म को समझना जरूरी है. आज बात करें करेंगे फिस्कल डेफिसिट के बारे में. जब-जब बजट की बात होती है, तब फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) के बारे में जरूर चर्चा होती है. लेकिन होता क्या है और फिस्कल डेफिसिट इतना क्यों जरूरी है. यहां जानिए इस शब्द का पूरा मतलब.
क्या होता है Fiscal Deficit?
दरअसल, फिस्कल डेफिसिट मतलब सरकार की आय (revenue) और खर्च (Expenses) का अंतर होता है. मान लीजिए कि सरकार की आय से ज्यादा सरकार का खर्च है तो ऐसी स्थिति में राजकोषीय घाटे की स्थिति बनती है. राजकोषीय घाटा इसलिए जरूरी है क्योंकि ये कहीं ना कहीं देश की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है.
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कर्ज क्यों लेती है सरकार?
बता दें कि सरकार की जो इनकम होती है, वो उसे कई जगह खर्च करती है. इसमें कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन, इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश शामिल है. इस दौरान अगर सरकार के पास खर्च ज्यादा आ जाए तो वो बाजार से कर्ज लेती है. बता दें कि सरकार अपनी इनकम और एक्सपेंडिचर के बीच के गैप को पूरा करने के लिए पैसे उधार लेती है. सरकार मार्केट में बॉन्ड जारी कर पैसे जुटाती है.
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इनकम से ज्यादा क्यों खर्च करती है सरकार?
बता दें कि सरकार कई वजहों से अपनी इनकम से ज्यादा खर्च करती है. सरकारी बुनियादी सुविधाओं पर बड़ी रकम खर्च करती है. सड़क, एयरपोर्ट, बंदरगाह, रेलवे जैसी बुनियादी सुविधाओं में निवेश करने से उद्योग और व्यापार बढ़ाने में मदद मिलती है. इसके अलावा सरकार पर आम नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं देने की भी जिम्मेदारी होती है. इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली शामिल हैं.