Budget 2023: केंद्रीय बजट पेश होने में कुछ ही दिन रह गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को संसद में बजट 2023 पेश करेंगी. ग्लोबल स्लोडाउन के माहौल में सबकी नजर सरकार के एलानों पर होगी. साथ मंदी के खतरे को टालने के लिए सरकार भी खर्च बढाने की कोशिश में होगी. ऐसे में सबकी निगाह विनिवेश पर लक्ष्य पर सरकार के घोषणा का इंतजार है. क्योंकि आर्थिक तंगी में प्राइवेट सेक्टर की हालत भी तंग है.

4 साल से विनिवेश टारगेट नहीं पूरा हो रहा

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FY23 के लिए विनिवेश का टारगेट 65000 करोड़ रुपए है. लेकिन सरकारी कंपनियों में हिस्सा बिक्री के बावजूद भी केवल 31000 करोड़ रुपए ही जुटा पाई. ऐसे में विनिवेश का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में भी पूरा होता नहीं दिख रहा. बता दें कि पिछले चार वर्षों से विनिवेश की लक्ष्य प्राप्ति नहीं हो पा रही. मामलों के जानकार मानते हैं कि नए वित्त वर्ष के लिए सरकार विनिवेश का लक्ष्य घटा सकती है. हालांकि, उम्मीद है कि अगले साल आम चुनाव के चलते मोदी सरकार विनिवेश प्रक्रिया में तेजी ला सकती है. 

इस साल बेची LIC में हिस्सेदारी

चालू वित्त वर्ष में सरकार ने LIC में 3.5% स्टेक बेचकर 21000 करोड़ रुपए जुटाए. लेकिन BPCL,  SCI, BEML, CONCOR समेत अन्य सरकारी कंपनियों में हिस्सा बिक्री की प्रक्रिया अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद है.

विनिवेश क्या होता है?

जब केंद्र सरकार अपनी साझीदारी वाली किसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (Budget 2023) में अपनी हिस्सेदारी का कम करती है या अपने शेयर बेच देती है. इस प्रक्रिया को विनिवेश यानी डिसइन्वेस्टमेंट कहा जाता है.

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