Budget 2023: हर साल बजट आता है. जोर शोर के साथ इसकी तैयारी होती है और आखिर में बजट में अलग-अलग सेक्टर को एलोकेशन किया जाता है. लेकिन, बजट में सिर्फ इतना ही नहीं होता. इसमें कई चीजें या फैक्ट्स ऐसे होते हैं, जिनसे आप बेखबर हैं. ऐसे ही फैक्ट्स और बजट से जुड़े रोचक किस्सों के लिए हम आपके लिए लाए हैं खास सीरीज- 'बजट पच्चीसी'.. इस सीरीज में हम बात करेंगे कि बजट कितने तरह के होते हैं. कैसे बनता है. और इससे जुड़ी रस्म और किस्से क्या हैं...

क्या होता है आम बजट (Union Budget)

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वित्त मंत्रालय एक आम बजट (Union Budget) के जरिए देश के सामने आगामी साल के लिए सरकार के पूरे साल की कमाई और खर्च का लेखा-जोखा पेश करती है. बता दें कि भारतीय संविधान में बजट शब्द का जिक्र नहीं है. अनुच्छेद 112 के मुताबिक किसी साल में केंद्र सरकार के वित्तीय ब्योरे को संघीय बजट या वार्षिक वित्तीय विवरण कहा जाता है. 

क्या होता है अंतरिम बजट (Interim Budget)

आमतौर पर जिस साल देश में लोकसभा चुनाव होते हैं, उस साल सरकार पूरे वित्त वर्ष के लिए बजट नहीं पेश करती है. ऐसे में सरकार सिर्फ उन कुछ महीनों के लिए बजट जारी करती है, जब तक चुनाव खत्म नहीं हो जाते. एक बार चुनाव खत्म होने के बाद सरकार Full Budget पेश करती है. जैसे साल 2019 में सरकार ने पहले 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था और सरकार बनने के बाद 5 जुलाई को फुल बजट या आम बजट पेश किया था.

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अंतरिम बजट और आम बजट में अंतर

आम बजट हो या अंतरिम बजट, दोनों ही बजट (Budget) में सरकारी खर्चों के लिए संसद से मंजूरी ली जाती है. हालांकि, परंपरा के चलते अंतरिम बजट आम बजट से अलग हो जाता है. अंतरिम बजट में सामान्‍य तौर पर सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं करती है. इसकी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है. यह परंपरा रही है कि चुनाव के बाद गठित सरकार ही अपनी नीतियों के मुताबिक फैसले ले और योजनाओं की घोषणा करे. हालांकि, कुछ वित्त मंत्री पूर्व टैक्स की दरों में कटौती जैसे नीतिगत फैसले ले चुके हैं.