Budget 2023: 1 फरवरी को देश का बजट पेश होगा. इसके पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा. 16 जनवरी के दिन बजट की डेट को लेकर आधिकारिक ऐलान कर दिया गया है, ऐसे में बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से अलग-अलग इंडस्ट्री की मांगें सामने आ रही हैं. बजट को लेकर आने वाले दिनों में क्या ऐलान होगा, वित्त मंत्री मिडिल क्लास से लेकर इनकम टैक्स पेयर्स तक किस सेक्टर में लोगों को क्या राहत दे सकती हैं, इस पर सभी की नजरें रहने वाली हैं. लेकिन हाल ही में एक अपडेट सामने आया है और वो ये कि आने वाले समय में सरकार किसी नए निजीकरण पर फैसला नहीं लेगी. आने वाले दिनों में सरकार किसी नई कंपनी का प्राइवेटाइजेशन (Privatisation) नहीं करने वाली है. 

आगे नहीं होगा कोई प्राइवेटाइजेशन!

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ज़ी बिजनेस को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, बजट में नई कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन को लेकर उम्मीद काफी कम है. इसके अलावा इंश्योरेंस पीएसयू (Insurance PSUs) का विनिवेश भी मुश्किल बताया जा रहा है. इसके अलावा सरकार ने आने वाले आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी है. 

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2024 के बाद होगा बैंकों का प्राइवेटाइजेशन

इसके अलावा बजट 2021-22 में सरकार की ओर से ऐलान किया गया था कि दो बैंकों या इंश्योरेंस कंपनियों का निजीकरण करना है, लेकिन आने वाले समय में इस पर अभी रोक लग सकती है. आने वाले बजट में बैंको और इंश्योरेंस कंपनियों के निजीकरण प्रक्रिया में थोड़ा टाइम लग सकता है. 

जानकारी के मुताबिक, बैंकों का प्राइवेटाइजेशन 2024 के बाद होगा. 2024 में लोकसभा के आम चुनाव है और चुनावों को देखते हुए बैंकों के निजीकरण पर अभी रोक लग सकती है. सरकार DIPAM के राजस्व को कम करने पर जोर डाल सकती है.