Budget 2023: घर खरीदारों को मिलेगी राहत? सेक्शन 24, 80C की लिमिट बढ़ाने समेत ये एलान दे सकते हैं इंडस्ट्री को बूस्ट
Budget 2023: रीयल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म नाइट फ्रैंक ने सेक्टर में डिमांड को और बूस्ट देने की जरूरत जताई है. कंसल्टिंग फर्म ने बजट में 80सी, सेक्शन 24 में डिडक्शन लिमिट बढ़ाने समेत प्रोजेक्ट्स की फाइनेंशियल वायबिलिटी बेहतर बनाने के लिए अहम सुझाव दिए हैं.
Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को बजट 2023 पेश करेंगी. बजट पर आम आदमी, सैलरीड, प्रोफेशनल, बिजनेसमैन और कॉरपोरेट सभी की नजर है. इसमें एक रीयल एस्टेट सेक्टर भी है. पिछले साल कीमतों में बढ़ोतरी और ब्याज दरें बढ़ने के बावजूद प्रॉपर्टी खासकर हाउसिंग सेल्स में अच्छा-खासा उछाल देखने को मिला. देश की GDP में रीयल एस्टेट सेक्टर का बड़ा योगदान है. साथ ही यह देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला सेक्टर भी है. रीयल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म नाइट फ्रैंक ने सेक्टर में डिमांड को और बूस्ट देने की जरूरत जताई है. कंसल्टिंग फर्म ने बजट में 80C, सेक्शन 24 में डिडक्शन लिमिट बढ़ाने समेत प्रोजेक्ट्स की फाइनेंशियल वायबिलिटी बेहतर बनाने के लिए अहम सुझाव दिए हैं.
80C की लिमिट बढ़ाने की जरूरत
नाइट फ्रैंक इंडिया ने अपनी बजट सिफारिशों में कहा है कि मकान खरीदनों वालों की अफोर्डेबिलिटी बढ़ाने के लिए होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर अलग से 1.5 लाख रुपये के टैक्स डिडक्शन देने की जरूरत है. कंसल्टिंग फर्म का कहना है कि 80सी की डिडक्शन लिमिट 1.5 लाख है और इसमें कई दूसरे निवेश पर मिलने वाला डिडक्शन शामिल है. ऐसे में होम लोन लेकर मकान खरीदने वालों को अलग से प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5 लाख तक टैक्स डिडक्शन देना चाहिए. ससे होम बायर्स की अफोर्डेबिलिटी बढ़ेगी.
ब्याज पर 5 लाख हो टैक्स छूट की सीमा
नाइट फ्रैंक ने कहा है कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 में इस समय होम लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है. इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए. यानी, 5 लाख रुपये तक ब्याज पर टैक्स डिडक्शन का लाभ होम बायर्स को मिल सके. इससे लोगों की मकान खरीदने की क्षमता बढ़ेगी और हाउसिंग सेल्स को भी बूस्ट मिलेगा.
कैपिटन गेन के नियम में मिले रियायत
नाइट फ्रैंक ने इनकम टैक्स के सेक्शन 54 के अंतर्गत अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टीज को पूरा करने की समय-सीमा मौजूदा 3 के बजाय 5 साल तक बढ़ाने की सिफारिश की है. इस सेक्शन के तहत मौजूदा घर की बिक्री से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का इस्तेमाल नई एसेट खरीदने या कंस्ट्रक्शन करने में किया जा सकता है. अगर छूट के लिए निवेश एक अंडरकंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के जरिए किया जाता है, तो इसका क्लेम तभी किया जा सकता है, जब संपत्ति का निर्माल पहले के घर की बिक्री के तीन साल के भीतर पूरा हो गया हो.
सेक्शन 80IBA में मिले दोबारा छूट
नाइट फ्रैंक का कहना है कि सेक्शन 80IBA के अंतर्गत टैक्स हॉलीडे का लाभ उठाने के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स रजिट्रेशन की समय सीमा समाप्त हो गई है. इसे बढ़ाने और फिर से बहाल करने की जरूरत है. सेक्शन 80IBA में अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए 100 फीसदी टैक्स हॉलीडे 31 मार्च, 2022 तक अप्रूव्ड प्रोजेक्ट्स के लिए उपलब्ध था.
रेंटल हाउसिंग को बूस्ट देने की जरूरत
नाइट फ्रैंक का कहना है कि सरकार को 50 लाख रुपये तक के मकानों के लिए 3 लाख रुपये तक की रेंटल इनकम पर 100 फीसदी छूट दी जानी चाहिए. इससे अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में इंडिविजुल निवेश बढ़ेगा और बड़े पैमाने पर मकानों की कमी को दूर किया जा सकेगा.
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