Budget 2023: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार कहा कि उभरते वैश्विक माहौल के परिणामस्वरूप उत्पन्न अवसरों का लाभ उठाने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को तालमेल बिठाने और लीक से हटकर सोचने की आवश्यकता है. उन्होंने नीति आयोग (Niti Aayog) में अगले वित्त वर्ष के बजट से पहले जाने-माने अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत में भारत की डिजिटल क्षेत्र में सफलता और वित्तीय प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाये जाने की भी सराहना की. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई. प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्रियों के बीच विचार-विमर्श 'वैश्विक बाधाओं के बीच भारत का विकास और मजबूती' विषय पर आधारित था. आम बजट 2023-24 से पहले अर्थशास्त्रियों से प्रधानमंत्री की इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है. 

लीक से हटकर सोचने पर दिया जोर

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पीएमओ के मुताबिक मोदी ने अपनी टिप्पणी में वैश्विक बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें जोखिम तो है लेकिन उभरता वैश्विक वातावरण डिजिटलीकरण, ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल और कृषि जैसे क्षेत्रों में नए और विविध अवसर प्रदान करता है. 

उन्होंने कहा, "इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को तालमेल बिठाने और लीक से हटकर सोचने की आवश्यकता है." 

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पीएम मोदी ने की इसकी तारीफ

पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने भारत की डिजिटल कहानी की सफलता और देश भर में वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र को तेजी से अपनाने तथा समावेशी विकास और विकास में इसकी क्षमताओं की सराहना की. उन्होंने नारी शक्ति को भारत के विकास के एक प्रमुख चालक के रूप में रेखांकित किया और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को और सक्षम करने और बढ़ावा देने के लिए प्रयास जारी रखने का आग्रह किया. 

कृषि को लेकर मिले सुझाव

बयान के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज का वर्ष का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को बदलने की मोटे अनाज की क्षमता के मद्देनजर इसे बढ़ावा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि मोटे अनाज में प्राकृतिक खेती के लिए अनुकूल और पोषण के किफायती स्रोत जैसे गुण होते हैं. बैठक में शामिल अर्थशास्त्रियों ने कृषि, विनिर्माण समेत विभिन्न क्षेत्रों के बारे अपने सुझाव दिये. साथ ही उन तरीकों और व्यवहारिक उपायों के बारे में बताया जिनसे भारत अपनी विकास की गति बनाये रख सकता है. 

पीएमओ ने कहा, "इस बात पर सहमति थी कि अपनी मजबूती के कारण, भारत चुनौतीपूर्ण वैश्विक मंच पर एक उज्ज्वल और आकर्षक स्थान के रूप में उभरा है." 

इस दौरान यह सुझाव भी आया कि सभी क्षेत्रों में समग्र विकास के माध्यम से इस नींव पर विकास को गति देने की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री ने अर्थशास्त्रियों को उनके विचारों के लिए धन्यवाद दिया और उनसे आग्रह किया कि वे राष्ट्र के विकास में अपने विचार उनसे लगातार साझा करें. 

बैठक में थे ये शामिल

बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, योजना राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), नीति आयोग के उपाध्यक्ष, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, नीति आयोग के सदस्य, कैबिनेट सचिव, मुख्य आर्थिक सलाहकार और नीति आयोग के सीईओ भी उपस्थित थे. बैठक में शामिल अर्थशास्त्रियों में शंकर आचार्य, शमिका रवि और अशोक गुलाटी समेत अन्य शामिल थे.