Budget 2023: हर साल बजट आता है. जोर शोर के साथ इसकी तैयारी होती है और आखिर में बजट में अलग-अलग सेक्टर को एलोकेशन किया जाता है. लेकिन, बजट में सिर्फ इतना ही नहीं होता. इसमें कई चीजें या फैक्ट्स ऐसे होते हैं, जिनसे आप बेखबर हैं. ऐसे ही फैक्ट्स और बजट से जुड़े रोचक किस्सों के लिए हम आपके लिए लाए हैं खास सीरीज- 'बजट पच्चीसी'.. इस सीरीज में हम आपको वित्त मंत्री के बजट स्पीच में आने वाले कुछ खास शब्दों के मतलब समझाएंगे, जिसे जानने के बाद आपके लिए देश का बजट समझना और भी आसान हो जाएगा.

फाइनेंशियल ईयर (Financial Year)

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फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) वह साल होता है, जिसे वित्तीय मामलों का आधार माना जाता है. यह 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च तक चलता है.

बजट एस्टिमेट (Budget Estimates)

बजट में आने वाले साल के लिए हर मिनिस्ट्री और विभाग के लिए कई सारी योजनाओं का ऐलान करती है. ऐसे में आने वाले साल के लिए सरकार अपने खर्च और कमाई के लिए जो भी अनुमान बताती है, उसे बजट एस्टिमेट (Budget Estimates) कहा जाता है. 

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रिवाइज्ड एस्टिमेट (Revised Estimates)

बजट में लगाए गए अनुमान को 6 महीने बाद हुए वास्तविक खर्च को देखते हुए संशोधित किया जाता है. इसके लिए सरकार आगे आने वाले समय के लिए अपने एस्टिमेट में भी बदलाव करती है. इसे ही रिवाइज्ड एस्टिमेट (Revised Estimates) कहा जाता है. 

फाइनेंस बिल (Finance Bill)

फाइनेंस बिल के जरिए सरकार अपनी कमाई का ब्यौरा देती है. बजट पेश करने के बाद इसे लागू कराने के लिए लोकसभा में फाइनेंस बिल (Finance Bill) को पेश किया जाता है. टैक्स सिस्टम में भी किसी तरह के बदलाव के लिए इसे ही पेश किया जाता है. 

राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit)

राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) उस स्थिति को माना जाता है, जब किसी सरकार की कमाई, उसके खर्च से कम होती है. यह सरकार की कमाई और खर्च के बीच का अंतर होता है. 

राजस्व घाटा (Revenue Deficit)

सरकार हर साल अपनी कमाई का भी लक्ष्य रखती है. जब सरकार की कमाई अपने तय लक्ष्य से कम होती है, तो इसे राजस्व घाटा (Revenue Deficit) कहा जाता है. 

डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax)

सरकार किसी व्यक्ति या संस्थान पर जो टैक्स सीधे उसकी आय पर लगाती है, उसे डायरेक्ट टैक्स कहा जाता है. जैसे इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स आदि. 

इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax)

ऐसा टैक्स जो सरकार जनता से सीधे न लेकर किसी सामान या सर्विस पर टैक्स के रूप में लेती है, उसे इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax) कहा जाता है. जैसे एक्साइज, ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, सर्विस टैक्स आदि.