Budget 2023: कैसे तैयार होता है देश का बजट? क्या होता है इसका मकसद- जानिए इससे जुड़ी जरूरी जानकारी
बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman Pre-Budget Meetings) ने आठ अलग-अलग ग्रुप के साथ प्री-बजट मीटिंग हुई. ये मीटिंग बजट की तैयारियों का ही हिस्सा है.
Budget 2033: देश का बजट अलगे साल 1 फरवरी को संसद में पेश होगा. महंगाई (Inflation) और ग्लोबल आर्थिक मंदी (Global Economic Recession) के बीच सबकी निगाहें सरकार के ऐलानों पर होगी. क्योंकि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia and Ukraine war) से ग्लोबल इकोनॉमी की हालत तंग है. विकसित देशों में महंगाई के आंकड़े कई दशकों के रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंच गई है. ऐसे में भारतीय इकोनॉमी (Indian Economy) को राहत देने और ग्रोथ को बरकरार रखने के लिहाज से इस बार का केंद्रीय बजट (Union Budget 2023) अहम है. लेकिन क्या आपको पता है कि बजट तैयार करने की प्रक्रिया क्या है और इसका क्या मकसद होता है?
कैसे तैयार होता है देश का बजट?
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman Pre-Budget Meetings) ने आठ अलग ग्रुप के साथ प्री-बजट मीटिंग हुई. ये मीटिंग बजट की तैयारियों का ही हिस्सा है. बजट की तैयारियों में राजस्व विभाग, उद्योग संघों, वाणिज्य मंडलों, किसान संघों, ट्रेड यूनियनों, इकोनॉमिस्ट जैसे अलग-अलग सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स के साथ वित्त मंत्री चर्चा करती हैं. बजट की तैयारी के पहले हिस्से में आर्थिक मामलों के विभाग की बजट डिवीजन द्वारा सभी मंत्रालयों, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों और रक्षाबलों को सर्कुलर भी जारी किया जाता है.
सर्कुलर में उनसे फाइनेंशियल ईयर के लिए उनके खर्चों का अनुमान लगाते हुए जरूरी रकम बताने के लिए कहा जाता है. इसके बाद अलग-अलग विभागों के बीच रकम देने पर चर्चा की जाती है. इसके बाद यह चर्चा होती है कि किस विभाग को कितनी रकम का आवंटन किया जाए. इसके तय करने के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री अन्य मंत्रालयों के साथ बैठक करते हुए एक ब्लूप्रिंट तैयरा करता है. फिर मीटिंग में सभी मंत्रालय के सीनियर अधिकारी फंड आवंटन के लिए वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा करते हैं.
बजट का क्या मकसद होता है?
सरकार की आय (Government Income) के प्रमुख स्रोत टैक्स और राजस्व, सरकारी शुल्क, जुर्माना, डिविडेंड (Dividend Income), दिए गए कर्ज पर ब्याज आदि शामिल हैं. चुंकि हर साल फरवरी में देश का केंद्रीय बजट पेश होता है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि बजट के जरिए सरकार का क्या मकसद क्या होता है?
- इनकम के साधन बढ़ाते हुए अलग-अलग स्कीम के लिए फंड रिलीज करना
- देश की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट को गति देने के लिए योजनाएं तैयार करना
- देश नागरिकों की आर्थिक स्थिति में सुधारने के लिए गरीबी और बेरोजगारी को कम करने के लिए योजनाएं बनाना
- देश में आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए फंड जारी करना, जिसमें रेल, बिजली, सड़क जैसे सेक्टर शामिल हैं
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कब पेश हुआ था देश का पहला बजट?
आजादी के बाद भारत का पहला बजट (India First Budget) 26 नवंबर 1947 में पेश हुआ था. इसे देश के पहले वित्त मंत्री (India First Finance Minister) के शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. फिर देश में गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला केंद्रीय बजट 28 फरवरी 1950 में पेश हुआ था. अंग्रेजी हुकूमत (British Goverment in Inida) के दौरान भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 में पेश किया गया था. यह बजट ब्रिटिश गवर्नमेंट के फाइनेंस मिनिस्टर जेम्स विल्सन ने पेश किया था.