Budget 2023: आगामी बजट में सरकार का फोकस पूरी तरह से ग्रोथ (growth) पर होगा. महंगाई (Inflation) को कंट्रोल में रखना भी एक चुनौती है. लेकिन, इस बीच टैक्सपेयर्स को खुश करना बेहद जरूरी है. क्योंकि, 9 साल हो चुके हैं और टैक्सपेयर्स के हाथ कुछ ऐसा नहीं आया, जिसमें सीधे तौर पर उन्हें फायदा मिला हो. साल 2020 में नया टैक्स सिस्टम (Nex Tax regime) जरूर लाया गया लेकिन वो भी टैक्सपेयर्स को खुश नहीं कर सका. अब इस साल के बजट (Budget 2023) से उम्मीद काफी ज्यादा हैं. बजट 2023 में टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को बड़ी राहत मिलने की संभावना है.

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सूत्रों की मानें तो इस बार बजट (Budget 2023) में एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन खुशखबरी टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के खाते में आ सकती हैं. इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स छूट से लेकर 80C की लिमिट बढ़ने तक शामिल हैं. सूत्रों की मानें तो 3 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर टैक्स छूट (Tax Exemption limit) के दायरे में लाया जा सकता है. पिछले कुछ समय में फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों को भी बढ़ाया गया है. ऐसे में इन्हें और आकर्षक बनाने के लिए कदम उठाया जा सकता है. 

Budget 2023: टैक्स फ्री हो सकता है 3 साल का Fixed Deposit

वित्त मंत्री आगामी बजट (Budget 2023) में टैक्स फ्री Fixed Deposit के लॉक-इन पीरियड को कम कर सकती है. अभी 5 साल के FD पर टैक्स छूट मिलती है, लेकिन, इसे घटाकर 3 साल किया जा सकता है. 3 साल के FD को टैक्स छूट के दायरे में लाने से टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को दूसरे प्रोडक्ट्स के साथ-साथ बढ़िया ऑप्शन मिलेगा. निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड भी बेहतर ऑप्शन दिखाई देता है. टैक्स छूट के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर 5 साल का लॉक इन पीरियड इसके आकर्षण को कम करता है. इसलिए टैक्स सेवर में 3 साल के FD को शामिल किया जा सकता है.

Budget 2023: बढ़ सकता है 80C का दायरा

इनकम टैक्स छूट के लिए सेक्शन 80C के तहत किए गए 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. इसमें PPF, सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana), लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) जैसे कई प्रोडक्ट्स शामिल हैं. साल 2014 में 80C का दायरा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए किया गया था. लेकिन, उसके बाद से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. 9 साल बीतने पर सबसे ज्यादा उम्मीद यहीं से हैं. खासकर नौकरीपेशा के लिए सेक्शन 80C टैक्स बचाने का सबसे बढ़िया ऑप्शन है. छूट सीमा बढ़ने से ज्यादा लोग ज्यादा निवेश करेंगे.

Income tax बेसिक लिमिट बढ़ने की उम्मीद

टैक्स एक्सपर्ट्स मानते हैं कि टैक्स छूट की बेसिक लिमिट (Basic Tax exemption limit) 2.5 लाख रुपए है, जो मौजूदा निवेश की साइकिल को देखते हुए काफी कम नजर आती है. साल 2014 में बेसिक लिमिट को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख किया गया था. लेकिन, पिछले 9 साल में इसमें कोई खास बदलाव नहीं किया गया है. टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए बेसिक लिमिट (Income tax basic limit) को बढ़ाकर कम से कम 3.50 लाख रुपए किया जाना चाहिए. बेसिक लिमिट को बढ़ाना एक बड़ी राहत होगी.

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