Budget 2023: खनन कंपनियों के निकाय भारतीय खनिज उद्योग महासंघ (FIMI) ने बॉक्साइट (Bauxite) पर एक्सपोर्ट ड्यूटी (Export Duty)  वापस लेने की मांग की है. फिमी ने कहा है कि इस कदम से निचले ग्रेड के खनिज संसाधन का ऑप्टिम इस्तेमाल किया जा सकेगा और बंद बॉक्साइट खदानों को फिर से खोला जा सकेगा. साथ ही इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और विदेशी मुद्रा अर्जित होगी. बॉक्साइट एल्युमीनियम (Aluminum) का प्रमुख अयस्क है, इसलिए यह एल्युमीनियम उत्पादकों के लिए जरूरी कच्चा माल है.

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फिमी ने वित्त मंत्रालय से अपने बजट-पूर्व प्रस्तावों में कहा, Bauxite पर 15% की एक्सपोर्ट ड्यूटी भारतीय गैर-धातुकर्म बॉक्साइट उत्पादकों और एक्सपोर्टर्स को काफी नुकसान पहुंचा रहा है. इसलिए बॉक्साइट से एक्सपोर्ट ड्यूटी को पूरी तरह से वापस लिया जाना चाहिए. FIMI फिमी ने कहा कि भारत बॉक्साइट के मामले में न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय बॉक्साइट बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की क्षमता रखता है.

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50,000 कामगारों को मिलता है रोजगार

घरेलू एल्युमिना और एल्युमीनियम उत्पादकों की अपनी खुद की (कैप्टिव) खानें हैं या वे देश के पूर्वी और मध्य हिस्सों में स्थित खानों से अपनी जरूरत को पूरा करते हैं, जिसमें संयंत्र-ग्रेड बॉक्साइट होता है. दूसरी ओर, देश के पश्चिमी तट (कम एल्युमिना सामग्री और उच्च सिलिका वाला) पर होने वाले बॉक्साइट तकनीकी रूप से उपयुक्त नहीं है और देश में रिफाइनर/स्मेल्टर के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं बैठता. हालांकि, इस तरह के गैर-संयंत्र ग्रेड बॉक्साइट को कुछ देशों में खनिज की कमी की वजह से खरीदा जाता है.

फिमी ने कहा कि भारत में निचले ग्रेड के बॉक्साइट की उपलब्धता घरेलू मांग से काफी अधिक है. इसका महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्रों से निर्यात किया जाता है. उद्योग निकाय ने कहा कि बॉक्साइट पर 15% के एक्सपोर्ट ड्यूटी से इस अयस्क का उत्पादन और निर्यात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.

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(भाषा)