Budget 2023 Expectations: Cryptocurrency पर TDS में कटौती, KYC वेरिफिकेशन का सुझाव, क्या क्रिप्टो पर बदलेंगी चीजें?
Budget 2023 Expexctations for Cryptocurrency: एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर TDS (tax deducted at source) एक प्रतिशत से कम करने पर विचार करना चाहिए. इसके कारण हाई टैक्स रेट से पूंजी बाहर जा रही है.
Budget 2023 Expexctations for Cryptocurrency: सरकार को क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर TDS (tax deducted at source) एक प्रतिशत से कम करने पर विचार करना चाहिए. इसके कारण हाई टैक्स रेट से पूंजी बाहर जा रही है और विदेशी अधिकार क्षेत्र में आने वाले मंचों और अनधिकृत बाजारों से निवेशक निकल रहे हैं. Budget 2023 आने से पहले मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह कहा गया. Change India और Indus Law ने ‘वर्चुअल डिजिटल संपत्ति’ (VDA ) पर एक प्रतिशत टीडीएस के प्रभाव’ शीर्षक से अपनी संयुक्त रिपोर्ट में कहा कि क्रिप्टो कारोबार की सुविधा देने वाले मंचों/ बाजारों को अपने ग्राहकों की भी जांच-परख करनी चाहिए. इससे भविष्य में अगर कोई जोखिम की आशंका है, उसे सामने लाया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘व्यापक नियमन के अभाव में क्रिप्टो कारोबार पर मौजूदा एक प्रतिशत टीडीएस से एक तरफ जहां पूंजी बाहर जा रही है, वहीं दूसरी तरफ दूसरे देशों के अधिकार क्षेत्रों में आने वाले कारोबारी मंचों तथा अनधिकृत बाजार से ग्राहक बाहर निकल रहे हैं.’’
सरकार ने पिछले साल 1 अप्रैल से Bitcoin, Ethereum समेत क्रिप्टोकरेंसी जैसी ‘वर्चुअल डिजिटल संपत्ति’ के ट्रांसफर पर 30 प्रतिशत आयकर के साथ अधिभार और उपकर लगाया था. साथ ही, 10,000 रुपये से अधिक ‘वर्चुअल’ डिजिटल मुद्रा के भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाया गया.
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कम टीडीएस रेट से भी हो जाएगा काम- रिपोर्ट में सुझाव
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘टीडीएस लगाने का मकसद क्रिप्टो में लेनदेन का पता लगाना था. यह लक्ष्य स्रोत पर कर कटौती दर कम कर भी हासिल किया जा सकता है. कम दर से टीडीएस से न केवल लेन-देन का पता चल सकेगा बल्कि अगर भारतीय निवेशक KYC (know your customer) युक्त भारतीय मंचों से कारोबार करते रहते हैं, तो कर संग्रह में भी इजाफा होगा.’’
KYC Verification होना चाहिए जरूरी
यह रिपोर्ट बजट से पहले जारी की गयी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2023-24 का बजट पेश करेंगी. इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि सुरक्षा और निगरानी उद्देश्य से, सरकार को आधार नियमों की तरह सभी क्रिप्टो बाजारों/मंचों को निवेशकों/कारोबारियों का विस्तृत KYC वेरिफिकेशन करने को कहना चाहिए. चेज इंडिया और इंडस लॉ ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि कई क्रिप्टो बाजार नियम के दायरे में आने के बावजूद टीडीएस नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. कई मामलों में देखा गया है कि गलत तरीके से क्रिप्टो मंच ने छूट प्राप्त की हुई है. इन खामियों को दूर किए जाने की जरूरत है.
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