वित्‍त वर्ष 2023-24 का बजट (Union Budget 2023) पेश होने में कुछ ही दिन बाकी हैं. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगी क्‍योंकि अगली साल लोकसभा चुनाव होने हैं. चुनाव के बाद ही नई सरकार अपना पूर्ण बजट पेश करेगी. स्‍वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक तमाम वित्‍त मंत्री बजट पेश कर चुके हैं. लेकिन आज हम आपको बताएंगे उन वित्‍त मंत्री के बारे में जो भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के पहले भारतीय गवर्नर भी रह चुके हैं.

रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर 

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चिंतामन द्वारकानाथ देशमुख जिन्‍हें सी डी देशमुख (C. D. Deshmukh) के नाम से भी जाना जाता था. सीडी देशमुख को आप देश के तीसरे वित्‍त मंत्री के रूप में जानते होंगे. लेकिन वो भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर भी रह चुके हैं. सीडी देशमुख भारतीय सिविल सर्वेंट थे. अंग्रेजी हुकूमत ने उन्‍हें भारतीय रिजर्व बैंक का गर्वनर बनाया था. सीडी देशमुख 11 अगस्‍त 1943 से 30 जून 1949 तक इस पद पर रहे. वे पहले भारतीय थे जिन्‍हें उन्‍होंने देश के भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभाला. उनकी योग्यता के आधार पर ब्रिटिश राज ने उन्हें सर की उपाधि दी थी.

1950 में बने देश के वित्‍त मंत्री

सी डी देशमुख ने आजाद भारत के तीसरे वित्‍त मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं. 1950 में उन्हें देश के वित्त मंत्री के रूप में नेहरू जी के मंत्रिमंडल में सम्मिलित किया गया. 1956 तक वे देश के वित्‍त मंत्री रहे. सर्वाधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड के मामले में उनका नाम चौथे स्‍थान पर आता है. आजाद भारत में सबसे अधिक बार बजट (Budget) पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई ने नाम हैं. मोरारजी देसाई ने आठ सालाना बजट और दो इंटरिम बजट पेश किए. उनके बाद पी चिदंबरम ने नौ बार, प्रणव मुखर्जी ने आठ बार और यशवंत सिन्हा, यशवंत राव चव्हाण और सीडी देशमुख ने सात-सात बार बजट पेश किया. 

वित्‍त मंत्री के पद से इस्‍तीफे के बाद यूजीसी के रहे अध्‍यक्ष

महाराष्ट्र प्रदेश के निर्माण के आंदोलन के समय देशमुख ने वित्त मंत्री के पद को त्‍याग दिया, लेकिन इसके बाद उन्‍हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी का अध्‍यक्ष बनाया गया. 1956-1961 तक इस पद पर रहने के दौरान ही उन्होंने 1959 में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की स्‍थापना की. इसके बाद वे 1962 से 67 तक दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के कुलपति भी रहे. सीडी देशमुख को साल 1975 में राष्ट्रपति ने पद्म विभूषण से सम्‍मानित किया.

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