Budget 2023 Speech: मिष्टी, पंचामृत, श्री अन्न.... वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बोले ये खास 13 शब्द, समझ लें इनका मतलब
Budget 2023 Speech: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कुछ खास टर्म्स बोले, जिन्होंने अलग से ध्यान खींचा. अगर आप भाषण की मुख्य बातें (Budget Speech Key Highlights) पढ़ेंगे तो आपको इनके मतलब की जरूरत पड़ेगी, वो हम यहां आपको बता रहे हैं.
Budget 2023 Speech: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को देश का बजट (Union Budget) किया. उनका भाषण लगभग डेढ़ घंटे का रहा. यूं तो सबका ध्यान उनकी घोषणाओं (Budget 2023 Announcements) पर रहा, लेकिन उनकी ओर से कुछ नए टर्म्स बोले गए, जिन्होंने अलग से ध्यान खींचा. मोदी सरकार में खासकर योजनाओं और अभियानों के नामों को लेकर चर्चा होती रही है. जिस तरह हर योजना का पूरा नाम और Acronym सोचा जाता है, वो एक बार सोचने पर मजबूर करता जरूर है. इसी तरह इस बजट में भी वित्तमंत्री ने कई शब्द बोले, कुछ नए-कुछ पुराने भी. अगर आप भाषण की मुख्य बातें (Budget Speech Key Highlights) पढ़ेंगे तो आपको इनके मतलब की जरूरत पड़ेगी, वो हम यहां आपको बता रहे हैं.
1. अंत्योदय: शब्दश: इसका मतलब होता है आखिरी व्यक्ति का विकास या फिर हाशिए पर खड़े आखिरी व्यक्ति तक भी विकास और कल्याण योजनाएं पहुंचाना. मिशन अंत्योदय 2017-18 के बजट से शुरू हुआ था. सरकार इसमें कई योजनाएं चलाती हैं, जिसमें अन्न योजना भी है और मंत्रालयों की योजनाओं को बेहतर कर शहरी और ग्रामीण गरीबी को दूर करना है.
2. अमृत काल: जिस शब्द की सबसे ज्यादा चर्चा हुई है, वो है अमृत काल. पीएम मोदी ने इस शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 2021 में किया था. उन्होंने अगले दशकों के लिए भारत पर अपने विजन के लिए कहा कि "अमृत काल का लक्ष्य ये है कि भारत और भारतीयों की समृद्धि एक नई ऊंचाई पर पहुंचे." बजट में वित्तमंत्री ने कहा कि "यह अमृत काल का पहला बजट है."
3. अमृत धरोहर: यह सरकार की एक नई योजना है, जिसे अगले तीन सालों में लागू किया जाएगा. इसके तहत सरकार wetlands यानी दलदल जैसी भूमि का उत्तम इस्तेमाल, बायो-डाइवर्सिटी, कार्बन स्टॉक और इको-टूरिज्म अवसरों को प्रोत्साहन देगी.
4. भारत श्री: यह Bharat Shared Repository of Inscriptions का एक्रोनिम है. यह एक डिजिटल एपिग्राफी (पुरालेख यानी पुरातत्व खुदाई से मिली लिखावटें या दस्तावेज) म्यूजियम है. इसे 100,000 प्राचीन शिलालेखों या अभिलेखों के डिजिटाइजेशन के साथ शुरू किया जाएगा.
5. गोबरर्धन स्कीम: गोबर-धन से बना यह शब्द सरकार की ऑर्गेनिक बायो एग्रो रिसोर्सेज़ धन योजना को दिखाता है. यह किसानों की ओर से उनका ऑर्गेनिक वेस्ट मैनेजमेंट करने की योजना है. बजट में वित्तमंत्री ने 500 नए 'वेस्ट टू वेल्थ' बायोगैस प्लांट बनाने की घोषणा की है.
6. मिशन कर्मयोगी: कर्मयोगी मतबल ऐसा व्यक्ति जो शारीरिक और मानसिक रूप दोनों से कर्मठ यानी बहुत मेहनती है. सरकारी कर्मचारियों के लिए कौशल विकास की एक योजना लाई गई है, जिसे मिशन कर्मयोगी नाम दिया गया है.
7. MISHTI: वैसे तो यह एक बंगाली शब्द है, जिसका मतलब 'मीठा' होता है. लेकिन ये जिस योजना का नाम है, उसका मिठाई से कोई लेना-देना नहीं है. यह वनीकरण या वनरोपण योजना का नाम है, जिसका फुलफॉर्म है- Mangrove Initiative for Shoreline Habitats & Tangible Incomes.
8. मिशन LiFE: एक हरित भविष्य की ओर कदम बढ़ाते हुए बजट में “मिशन LiFE” की घोषणा की गई, जिसमें क्लाइमेट चेंज के प्रभावों से निपटने की योजना है.
9. PM Vikaas: यह सरकार की नई योजना आई है, जिसका नाम है “PM Vishwakarma Kaushal Samman.” “PM” मतलब प्रधानमंत्री, विश्वकर्मा एक हिंदू देवता हैं, जिन्हें हैंडीक्राफ्ट या ऐसे ही कौशल से जोड़कर देखा जाता है. कौशल सम्मान मतलब, ऐसे कौशल को सम्मान देना. इस योजना को पारंपरिक हस्तकारों-दस्तकारों (artisans) को सहायता देने के लिए शुरू किया गया है.
10. PM-PRANAM: यह शब्द-युग्म सरकार की योजना “PM Programme for Restoration, Awareness, Nourishment, and Amelioration of Mother Earth.” का शॉर्ट फॉर्म है. इसके तहत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अल्टरनेटिव फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करने और केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल को थोड़ा कम करने को प्रोत्साहित करेगी.
11. PMGKAY: यह सरकार की “PM Garib Kalyan Anna Yojana” का शॉर्ट फॉर्म है. यह योजना 2020 से चल रही है, जिसमें सरकार खाद्य सुरक्षा कल्याण योजना चलाती है. यानी कि सरकार इसके तहत राशन बांटती है.
12. पंचामृत: पंच-अमृत के संधि से बना यह शब्द बजट में सरकार की हरित विकास योजना से जुड़ा है. 2021 में COP26 climate summit में पीएम मोदी ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन तक पहुंचने के लिए पांच-सूत्री योजना रखी थी, इसलिए इसका नाम पंचामृत रखा गया है.
13. श्री अन्न: सरकार इस साल से मोटे अनाज जैसे- जौ, बाजरा, रागी वगैरह को प्रमोट कर रही है. इन स्वदेशी अनाजों को श्री अन्न कहा जाता है. सरकार इनके फायदों पर लोगों को जागरूक कर रही है और इनकी नई पैदावारों को भी प्रमोट किया जा रहा है. इसके तहत रिसर्च सेंटर भी खोले जाने की योजना है.
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