Budget 2022: मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MTaI) ने जीएसटी और कस्टम ड्यूटी कम करने की मांग की है. संगठन ने कहा है कि बजट में मेडिकल उपकरणों, कोल्ड चेन यूनिट्स और हेल्थकेयर अप्लायंसेज में इस्तेमाल होने वाले स्पेयर पार्ट्स की दरों में कमी की जाए. संगठन ने कहा है कि मेडिकल उपकरणों और मेडिकल कोल्ड चेन पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत की जानी चाहिए. इससे कम लागत के जरिए  हेल्थ केयर सेक्टर में विस्तार होगा, जिसका फायदा मरीजों को मिलेगा. एमटीएएल ने इसे लेकर एक बयान भी जारी किया है. 

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जीएसटी, कस्टम ड्यूटी कम करने की मांग

इसने स्पेयर पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी और जीएसटी भी व्यवस्थित (streamlining) करने की मांग की है. आपको बता दें कि यह संगठन रिसर्च बेस्ड मेडिकल टेक्नोलॉजी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है. संगठन ने कहा है कि अभी मेडिकल इक्विपमेंट के स्पेयर पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी और जीएसटी इक्विपमेंट की तुलना में ज्यादा दर पर वसूला जाता है.

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'हेल्थ सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा'

एमटीएआई ने हेल्थ सेस एड-वैलोरम को हटाकर बेसिक कस्टम्स ड्यूटी (BCD) लगाने की मांग की है. इसके लिए इसने 'एड-वैलोरम' (Ad-valorem) शब्द को हटाने की भी मांग की है. संगठन ने सीएसआर व्यय पर कर गणना (tax computation) और मेडिकल डिवाइस रिर्सच और डेवलपेंट सेंटर्स के लिए टैक्स से राहत की मांग की है. वहीं हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए बजट में प्रावधानों (budgetary provisions) की मांग की है. एमटीएआई का कहना है कि इससे हेल्थ केयर वर्कर्स के स्किल बढ़ाने और हेल्थ सेक्टर के इंश्योरेंस को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. 

हेल्थ सेस भी कम करने की मांग

एमटीएआई के अध्यक्ष पवन चौधरी ने कहा कि "सरकार भारत में स्वास्थ्य सेवा की अफोर्डेबिलिटी में सुधार कर रही है और अधिक से अधिक लोगों तक इसका लाभ पहुंचा रही है. हालांकि हाई कस्टम्स ड्यूटी, अतिरिक्त हेल्थ सेस का बोझ, मेडिकल डिवाइस सेक्टर में अनुसंधान एवं विकास के लिए प्रोत्साहन की कमी और गैर-सुव्यवस्थित (un-streamlined) कर व्यवस्था को ठीक करना पहली जरूरत है.