बजट 2020 में क्या बीमा होगा बेहतर, इंश्योरेंस पॉलिसी पर बढ़ेगी टैक्स छूट!
भारत में 56 फीसदी लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है. बीमा सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए इस इंडस्ट्री को आने वाले बजट 2020 से काफी उम्मीदें हैं.
बीमा नियामक आईआरडीएआई के मुताबिक, भारत में अभी जीवन बीमा की पहुंच अभी सिर्फ 2.74 फीसदी लोगों तक ही है.
बीमा नियामक आईआरडीएआई के मुताबिक, भारत में अभी जीवन बीमा की पहुंच अभी सिर्फ 2.74 फीसदी लोगों तक ही है.
बीमा नियामक आईआरडीएआई (IRDAI) के मुताबिक, भारत में अभी जीवन बीमा (Life Insurance) की पहुंच अभी सिर्फ 2.74 फीसदी लोगों तक ही है और साधारण बीमा (General insurance) केवल 1 फीसदी लोगों तक ही पहुंच पाया है. कुल इंश्योरेंस इंडस्ट्री की पहुंच सिर्फ 3.7 फीसदी लोगों तक ही है.
भारत में 56 फीसदी लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है. गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोग सरकारी हेल्थ स्कीम में शामिल हैं. इस तरह 20 फीसदी से भी कम लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा है. बीमा सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए इस इंडस्ट्री को आने वाले बजट 2020 से काफी उम्मीदें हैं.
Insurance & Allied Businesses के पार्टनर जयदीप कुमार रॉय बीमा सेक्टर की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए बताते हैं कि बीमा को लेकर लोगों में अभी जागरुकता बहुत कम है. फसल बीमा की तकनीक बहुत पुरानी है और स्वास्थ्य सेक्टर का दायरा बहुत छोटा है. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.
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स्वास्थ्य बीमा को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स के सेक्शन 80D की मौजूदा सीमा 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये होनी चाहिए. प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप की लिमिट 5000 से बढ़ाकर 10 हजार रुपये होनी चाहिए. साथ ही हेल्थ बीमा प्रोडक्ट को GST में राहत मिलनी चाहिए.
जॉयदीप के मुताबिक, लाइफ इंश्योरेंस के लिए एक अलग सेक्शन बनाया जाना चाहिए और अलग सेक्शन बनाकर उसमें 50 हजार रुपये तक की छूट दी जाए. यह टैक्स छूट आयकर के सेक्शन 80C के अलावा होनी चाहिए. टर्म इंश्योरेंस पर GST में राहत मिलनी चाहिए और ULIP का लॉक-इन 5 साल से घटाकर 3 साल होना चाहिए.
मोटर इंश्योरेंस
थर्ड पार्टी मोटर बीमा पर GST में राहत का ऐलान हो.
कंज्यूमर को सस्ता बीमा मिलेगा, तो दायरा बढ़ेगा.
मोटर व्हीकल एक्ट में थर्ड पार्टी बीमा लेना अनिवार्य है.
कार के लिए 3 साल, टू व्हीलर के लिए 5 साल थर्ड पार्टी बीमा जरूरी होना चाहिए.
थर्ड पार्टी मोटर बीमा का सख्ती से पालन होना चाहिए.
कुल प्रीमियम में थर्ड पार्टी बीमा का 15-20 हजार करोड़ रुपये का योगदान है.
मोटर बीमा प्रीमियम से सरकारी टैक्स कलेक्शन में इजाफा हो सकता है.
होम इंश्योरेंस
प्रॉपर्टी के लिए बीमा अनिवार्य होना चाहिए.
हाउस प्रॉपर्टी बीमा प्रीमियम पर टैक्स छूट मिले.
प्राकृतिक आपदा के समय क्लेम मिलने की प्रक्रिया आसान हो.
होम इंश्योरेंस का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी.
सरकारी के रिलीफ फंड खजाने पर कम बोझ पड़ेगा.
फसल बीमा
फसल बीमा में नयी तकनीक का इस्तेमाल हो
ड्रोन, इमेज प्रॉसेसिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो.
नयी तकनीक से नुकसान का बेहतर अंदाजा लगेगा.
सरकारी आंकड़े समय-समय पर अपडेट होने जरूरी है.
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पेंशन प्लान
उम्र सीमा में लगातार बढ़ोतरी जारी.
पेंशन प्लान में निवेश काफी कम हुआ है.
लॉन्ग टर्म पेंशन प्लान को इंसेंटिव देना जरूरी.
08:42 PM IST