बजट 2020 (Budget 2020) आने से पहले फाइनेंस मिनिस्‍ट्री ने ऑनलाइन क्‍लासरूम #ArthShastri शुरू किया है, जिसमें इकोनॉमी से जुड़े कई मुद्दों पर लोगों की जानकारी बढ़ाने और इससे देश की तरक्‍की कैसे तेज होगी, इसके बारे में प्रो. शास्‍त्री बता रही हैं. आज का सवाल ईज ऑफ डुइंग बिजनेस (#EaseofDoingBusiness) से जुड़ा है.

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छात्र अर्थ ने प्रो. शास्‍त्री से पूछा कि भारत ने #EaseofDoingBusiness लिस्‍ट में तरक्‍की की है. वर्ल्‍ड बैंक की लिस्‍ट में यह 14 पायदान ऊपर चढ़ा है. इस रैंकिंग का क्‍या मतलब है. प्रो. शास्‍त्री ने बताया कि किसी भी देश को यह रैंक एक पैमाने पर दी जाती है, जिसका नाम डिस्‍टेंस ऑफ फ्रंटियर (DTF) है. इसमें किसी नए कारोबार को शुरू करने में कितना कम समय लगा और कारोबार के दौरान सहूलियत का आंकलन होता है.

इन सहूलियतों में बिजनेस शुरू करना, कंस्‍ट्रक्‍शन प‍रमिट से तालमेल, बिजली कनेक्‍शन, प्रॉपर्टी रजिस्‍ट्रेशन, लोनिंग और इनसॉल्‍वेंसी यानि हैसियत प्रमाण पत्र का मिलना शामिल है. यानि ये सभी सरकारी काम कितने कम समय और कितनी आसानी से निपटते हैं.

अर्थ ने पूछा तो इससे तो भारत में निवेश बढ़ेगा. ज्‍यादातर इनवेस्‍टर के बीच अच्‍छा संदेश जाएगा कि भारत में कारोबार शुरू करना कितना आसान है. लेकिन इससे घरेलू कारोबार को कैसे मदद मिलेगी? प्रो. शास्‍त्री ने कहा कि #EaseofDoingBusiness से देश में बिजनेस फ्रेंडली वातावरण बना है. यह लोकल बिजनेस के लिए भी फायदेमंद है. जिन लोगों के पास बिजनेस शुरू करने के लिए पूंजी नहीं है, यह उनकी मदद करता है. वे आसानी से क्रेडिट लेकर बिजनेस शुरू कर सकते हैं.

आपको बता दें कि 1 फरवरी 2020 को वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अपना दूसरा बजट पेश करेंगी. बजट में सैलरी क्‍लास को उम्‍मीद है कि सरकार इनकम टैक्‍स स्‍लैब में कमी कर सकती है.

साथ ही ऑटो और रियल एस्‍टेट सेक्‍टर के लिए बूस्‍टर पैकेज दिए जाने का भी ऐलान होने की उम्‍मीद है. दोनों ही सेक्‍टर सेल घटने से स्‍लोडाउन का सामना कर रहे हैं.