वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में शुक्रवार को संसद में आम बजट पेश करते हुए सरकार की आमदनी और खर्च का ब्यौरा पेश किया. इसके मुताबिक इस समय सरकार की आय का सबसे बड़ा स्रोत कॉरपोरेट टैक्स हैं, जबकि खर्च के रूप में सबसे बड़ी हिस्सेदारी केंद्र द्वारा राज्यों को दी जाने वाली धनराशि है. ये धनराशि टैक्स और ड्यूटी में राज्यों की हिस्सेदारी के रूप में दी जाती है.

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रुपये कहां से आता है

बजट दस्तावेज के मुताबिक केंद्र सरकार की कुल आय में कॉरपोरेट टैक्स, जीएसटी, इनकम टैक्स और उधारी की प्रमुख हिस्सेदारी है. केंद्र अपनी कुल आय का 21 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स से हासिल करता है. इसके बाद 20 प्रतिशत राशि उसे उधारी के जरिए मिलती है. आयकर की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है. जीएसटी से 19 प्रतिशत धनराशि मिलती है.

 

इसके अलावा गैर-कर आय से 9 प्रतिशत, कस्टम से 4 प्रतिशत, केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी से 8 प्रतिशत और गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों से 3 प्रतिशत की आय होती है. 

रुपया कहां जाता है

जहां तक केंद्र सरकार के खर्च की बात है तो सबसे अधिक हिस्सेदारी राज्यों की है. केंद्र अपनी कुल आय का 23 प्रतिशत हिस्सा टैक्स और ड्यूटी में हिस्सेदारी के रूप में राज्यों को देता है. इसके बाद कुल आय का 18 प्रतिशत हिस्सा सरकार लिए गए कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च कर देती है. केंद्र सरकार की योजनाओं में 13 प्रतिशत राशि खर्च की जाती है. केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं पर 9 प्रतिशत पैसा खर्च किया जाता है. इसके अलावा सब्सिडी पर 8 प्रतिशत, रक्षा पर 9 प्रतिशत और पेंशन पर 5 प्रतिशत राशि खर्च की जाती है.