छोटे और सीमांत किसानों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बिना गारंटी वाले कृषि ऋण की सीमा बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये कर दी है. अभी किसानों को एक लाख रुपये तक का कृषि ऋण ही बिना गारंटी के मिलता है. केंद्रीय बैंक ने एक आंतरिक कार्य समूह बनाने का भी निर्णय किया है जो कृषि ऋण व्यवस्था की समीक्षा करेगा और एक प्रभावी नीतिगत समाधान सुझाएगा.    

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में छोटे और सीमांत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव किया गया है.    मौजूदा समय में किसानों को एक लाख रुपये तक का कृषि रिण बिना गारंटी के मिलता है. यह सीमा वर्ष 2010 में तय की गई थी.

रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा है, ‘तब से अब तक कृषि लागत में वृद्धि और मुद्रास्फीति में बढ़ोत्तरी को देखते हुए किसानों के लिए बिना गारंटी वाले कर्ज की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये करने का फैसला किया गया है.’ दस्तावेज के अनुसार इससे छोटे और सीमांत किसानों की औपचारिक ऋण क्षेत्र में हिस्सेदारी बढ़ेगी. इस संबंध में एक अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी.