सोना खरीदने वालों के लिए बड़ा अपडेट, नए साल से लागू हो सकती है Bullion Hallmarking
Big update for gold investors Gold Bullion Hallmarking may be mandatory from new year 2025 what is benefit of gold bullion hallmarking check details
Gold Bullion Hallmarking: सोने में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ा अपडेट सामने आया है. गोल्ड ज्वैलरी में हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद अब नए साल से बुलियन हॉलमार्किंग भी अनिवार्य हो सकती है. गोल्ड बुलियन हॉलमार्किंग चरणबद्ध तरीके से देशभर में लागू होगा. इसके लिए सभी स्टेकहोल्डर्स सहमत हैं.
बुलियन हॉलमार्किंग पर बनी सब कमेटी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस साल के अंत तक सभी स्टेकहोल्डर्स और प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है. दिसंबर से पहले आखिरी स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेशन के साथ नियम तय होंगे. चांदी और आर्टिफैक्ट्स के लिए हॉलमार्किंग पर चर्चा भी एडवांस स्तर पर है. बता दें कि गोल्ड बुलियन का इस्तेमाल ज्वैलरी की मैन्युफैक्चरिंग के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है और ज्वैलरी की बड़ी मात्रा को देखते हुए इसकी शुद्धता सर्वोपरि है.
इससे क्या होगा फायदा
बता दें कि यूजर्स की मांग रही है कि सोने के ज्वैलरी की क्वालिटी तभी सुनिश्चित की जा सकती है, जब बुलियन हॉलमार्क किया जाए. इसको लेकर काफी समय से कंसल्टेशन प्रक्रिया चल रही थी. गोल्ड बुलियन हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रिफाइनर्स को इम्पोर्टेड गोल्ड की क्वालिटी मालूम होगी. उनको पता होगा कि उनका सोना कितना खरा है. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि उपभोक्ताओं को क्वालिटी के मुद्दों का सामना नहीं करना पड़ेगा. हॉलमार्क वाले बुलियन से देश में बनने सोने के आभूषणों की शुद्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
क्या है हॉलमार्किंग
सोने की प्योरिटी को प्रमाणित करने के प्रोसेस को हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) कहा जाता है. ये एक क्वालिटी सर्टिफिकेट की तरह है. सरकार ने सोने की प्योरिटी के मानक तय किए हैं, उसी के मुताबिक, सोना मार्केट में मिलता है. हॉलमार्क वाली गोल्ड जूलरी में बीआईएस लोगो, प्योरिटी ग्रेड और 6 अंकों का अल्फान्यूमैरिक कोड देखे जा सकते हैं.