विप्रो के संस्थापक चेयरमैन अजीम प्रेमजी और उनके परिवार ने 7,904 करोड़ रुपए के योगदान के साथ एडलगिव हुरुन इंडिया की परोपकारियों की सूची (फिलैनथ्रॉपी लिस्ट) 2020 में शीर्ष स्थान हासिल किया है. इस सूची में एचसीएल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक अध्यक्ष शिव नादर और उनका परिवार दूसरे स्थान पर रहा है, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के अध्यक्ष और सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी परोपकारी लोगों की इस सूची में तीसरे स्थान पर हैं. 

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मुंबई शहर से सबसे ज्यादा दानवीर

नादर और उनके परिवार ने धर्मार्थ कार्यो के लिए 795 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जबकि अंबानी और उनके परिवार का योगदान 458 करोड़ रुपये का रहा. चौथे स्थान पर आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला हैं, जबकि पांचवें स्थान पर वेदांता समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल हैं. इस सूची में शीर्ष परोपकारी लोगों में 36 नामों के साथ मुंबई शहर सबसे ऊपर है, जबकि दिल्ली और बेंगलुरू क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.

भारत में दान दाताओं द्वारा हमेशा की तरह सबसे अधिक इस बार भी शिक्षा के क्षेत्र में सहायता प्रदान की गई है. इसके साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछले साल की तुलना में दान में बढ़ोतरी देखी गई है. एडलगिव फाउंडेशन की चेयरपर्सन और सीईओ विद्या शाह ने कहा, "इस साल हमने अपनी कार्यप्रणाली को भी बहुत बारीकी से देखा है, यह सुनिश्चित करते हुए कि हम इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखें और सूची में शामिल करने के लिए एक विविध समूह के लीडर्स को लगातार आमंत्रित करें. इस बार 28 परोपकारी लोगों ने पहली बार एडलगिव हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2020 में प्रवेश किया है. 

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सूची में शामिल नए दिग्गजों में इन्फोसिस के एस.डी. शिबूलाल (32 करोड़ रुपये का दान), ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन के अमित और अर्चना चंद्रा शामिल हैं, जिन्होंने 27 करोड़ रुपये का दान दिया है. हुरुन इंडिया के एमडी और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, "भारत के शीर्ष परोपकारी लोगों का पसंदीदा क्षेत्र शिक्षा रहा है, हालांकि इस वर्ष गरीबी उन्मूलन दूसरा सबसे लोकप्रिय क्षेत्र बन गया है.