केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government employees) के लिए बड़ी खबर है. अब उन्हें अपने एनुअल अप्रेजल (इंक्रीमेंट) के लिए अगले साल तक इंतजार करना पड़ेगा. केंद्र सरकार ने 2019-20 के लिए केंद्रीय कर्मचारियों के एनुअल परफॉर्मेंस एसेसमेंट रिपार्ट (APAR) को पूरा करने की मियाद बढ़ा दी है. इसे बढ़ाकर अगले साल मार्च 2021 तक कर दिया गया है. पहले ये मियाद 31 दिसंबर 2020 तक रखी गई थी. इससे पहले मार्च में भी सरकार ने अप्रेजल प्रक्रिया को दिसंबर तक के लिए बढ़ाया था. लेकिन, अब इंक्रीमेंट के लिए कर्मचारियों को मार्च 2021 तक इंतजार करना होगा.

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डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग (DoPT) ने इसे लेकर एक ऑर्डर जारी किया है. 11 जून को जारी किए गए आदेश के मुताबिक, मौजूदा स्थितियों को देखते हुए 2019-20 के लिए APAR  को पूरा करने की मियाद दिसंबर 2020 से बढ़कर मार्च 2021 कर दी गई है. केंद्र सरकार के इस फैसले का असर ग्रुप ए, बी और सी के अधिकारियों पर पड़ेगा.

30 मार्च 2020 को सरकार ने महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) के चलते लगे लॉकडाउन के कारण डेडलाइन को बढ़ाया था. आमतौर पर 31 मई तक पूरी होने वाली प्रक्रिया को दिसंबर 2020 तक बढ़ाया गया था. सरकारी आदेश के मुताबिक, 31 मई तक सभी कर्मचारियों को खाली फॉर्म या ऑनलाइन फॉर्म लेने का काम पूरा करना था. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इंक्रीमेंट प्रोसेस का यह पहला कदम होता है. लॉकडाउन के चलते 31 मई तक यह काम पूरा नहीं हुआ है. यही वजह है कि सरकार ने अब इसकी मियाद को बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया है.

आमतौर पर 30 जून तक रिपोर्टिंग ऑफिसर को सेल्‍फ-अप्रेजल जमा करना होता था. अब इसकी मियाब बढ़ाकर 31 अगस्‍त कर दी गई है. इसके बाद 30 सितंबर तक रिपोर्ट को रिव्यूयिंग ऑफिसर के पास भेजना है. 15 नवंबर तक फॉर्म को APAR सेल के पास भेजा जाना है. इसके बाद 31 दिसंबर तक यह अप्रेजल की प्रक्रिया पूरी करनी है. इसके बाद आगे की प्रक्रिया के लिए 15 जनवरी 2021 तक का समय रखा गया है. इसके बाद 15-15 दिन के गैप पर यह प्रक्रिया 31 मार्च तक चलेगी. 31 मार्च 2021 तक APAR की पूरी प्रक्रिया को क्लोज किया जाना है.

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केंद्रीय कर्मचारियों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान दफ्तर में रोटेशन शिफ्ट के चलते अधिकारी अप्रेजल प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए हैं. सभी मंत्रालयों को फिलहाल कोविड-19 से निपटने के लिए कहा गया है. यही वजह है कि परफॉर्मेंस रिव्यू में देरी हो रही है. हालांकि, अधिकारियों का यह भी कहना है कि पिछले साल भी चुनाव के कारण अप्रेजल में देरी हुई थी. हालांकि, इतनी देरी कभी भी नहीं हुई, जितना कोरोना वायरस के चलते इस बार हो रही है.