केंद्र सरकार के एक्शन से आम लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है. क्योंकि आटा और गेहूं की कीमतों में जल्दी ही भारी कमी देखने को मिल सकती है. आटा मिलों के मुताबिक गेहूं और आटा की कीमतें प्रति किलो 5-6 रुपए तक घट सकती हैं. इसकी वजह खुले बाजार में करीब 30 लाख टन गेहूं की बिक्री है. 

सरकार ने उठाया अहम कदम

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दरअसल, सरकार ने गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए 25 जनवरी को अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं (wheat prices per kg) को खुले बाजार में बेचने की घोषणा की थी. भंडारण को सरकारी भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा अगले दो महीनों में विभिन्न माध्यमों से बेचा जाएगा. 

इन कीमतों पर बिकेगा आटा

गेहूं आटा मिल मालिकों जैसे थोक व्यापारियों को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा. वहीं गेहूं पीसकर आटा बनाने और उसे जनता तक 29.50 रुपए के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में पहुंचाने के लिए FCI गेहूं को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां/सहकारिता/संघ, केंद्रीय भंडार/NCCF/नेफेड को 23.50 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचेगा.

घट जाएंगी गेहूं और आटे का भाव

रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (RFMFI) के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने एजेंसी से खास बातचीत में बताया कि हम सरकार के कदम का स्वागत करते हैं. यह फैसला एक महीने पहले ही ले लेना चाहिए था. यह सही कदम है. थोक और रिटेल कीमतें जल्द ही 5-6 रुपए प्रति किलोग्राम तक कम हो जाएंगीं.

सालभर में बढ़ी गेहूं की कीमतें

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रमुख शहरों में गेहूं की औसत कीमत 25 जनवरी को 33.43 रुपए प्रति किलोग्राम रही, जबकि पिछले साल इस समय 28.24 रुपए प्रति किलोग्राम थी. गेहूं के आटा की औसत कीमतें 37.95 रुपए प्रति किलोग्राम दर्ज की गईं, जो पिछले साल इसी समय 31.41 रुपये प्रति किलोग्राम थी.

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(भाषा इनपुट के साथ)