Rabi Crops: देश के कुछ राज्यों में बेमौसम बारिश ने जहां लोगों की परेशानी बढ़ा दी है, वहीं गेहूं की खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाई है. हल्की बारिश से रबी फसलों को फायदा मिलेगा. गेहूं को अभी पहली या फिर दूसरी सिंचाई की जरूरत थी. ऐसे में बारिश से गेहूं की फसल (Wheat Crop) को फायदा हुआ. चना और मसूर सहित दलहनी फसलों पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा. सरसों, तीसी सहित तिलहनी फसलों को भी फायदा होगा.

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कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, गेहूं के लिए अभी मौसम अच्छा है. कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई है, इससे गेहूं में सिंचाई सुविधा मिली है. हालांकि और थोड़ी बारिश होने पर गेहूं में सिंचाई अच्छे तरीके से हो जाती. जहां नवंबर में गेहूं की बुवाई थी, वहां दूसरी सिंचाई का समय है, जबकि दिसंबर मध्य तक जहां गेहूं की बुवाई हुई है, वहां पहली सिंचाई का समय है. अभी ठंड भी गेहूं फसल के अनुकूल है.

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बेमौसम बारिश से आलू को नुकसान

गेहूं, दलहन जैसी फसलों को बेमौसम बारिश से फायदा होगा तो वहीं आलू की फसल इससे प्रभावित होगी. अधिक नमी के कारण आलू की फसल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की संभावना है. आलू की फसल में झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है. आलू में लगने वाले इस रोग का समय पर प्रबंधन कर किसान नुकसान से बच सकते हैं.

फसल में इस रोग के लक्ष्ण दिखाई देते ही जिनेब 75 फीसदी घुलनशील चूर्ण 2.0 किग्रा प्रति हेक्टेयर या मैंकोजेब 75 फीसदी घुलनशील चूर्ण 2 किग्रा प्रति हेक्टेयरर या कॉपर आक्सीलक्लोराइड 50 फीसदी घुलनशील 2.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.

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