Budget 2023 के बाद अब आप अक्सर सुनेंगे 'श्री अन्न' की चर्चा, जान लीजिए ये क्या है
Union Budget 2023 के दौरान किसानों के लिए तमाम योजनाओं का जिक्र करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्री अन्न योजना (Shree Anna Yojana) की भी चर्चा की थी. जानिए क्या होता है श्री अन्न.
Union Budget 2023 के दौरान किसानों के लिए तमाम योजनाओं का जिक्र करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्री अन्न योजना (Shree Anna Yojana) की भी चर्चा की थी. अपने भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि भारत श्री अन्न का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. उन्होंने कहा कि आईआईएमआर को इसका वैश्विक केंद्र बनाने के लिए समर्थन दिया जाएगा. बजट के बाद से श्री अन्न पर चर्चा शुरू हो गई है. बजट 2023 के बाद खुद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है. आइए आपको बताते हैं कि क्या है श्री अन्न और क्या है श्री अन्न योजना.
क्या है श्री अन्न
मोटे अनाज यानी मिलेट्स को श्री अन्न कहा जा रहा है. इसे देवान्न भी कहा जाता है और श्रेष्ठ अन्न माना जाता है. समय के साथ ज्यादातर लोग गेहूं और चावल के साथ बढ़ते चले गए, जबकि भारत में बाजरा, ज्वार, रागी, कुट्टू, सामा, चीना और रामदाना जैसे कई तरह के श्री अन्न का उत्पादन किया जाता है, जो सदियों से हमारे भोजन का एक अभिन्न अंग रहे हैं और सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं. बजट के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है - 'आज मिलेट्स पूरे विश्व में लोकप्रिय हो रहा है और इसका सर्वाधिक लाभ भारत के छोटे किसानों को मिल रहा है. अब इस 'सुपर फूड' को 'श्री अन्न' के नाम से एक नई पहचान देगी मोदी सरकार.'
क्या है श्री अन्न योजना
देश में मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत करने की बात कही गई. इस योजना के तहत मोटे अनाज की पैदावार को बढ़ाया जाएगा. सरकार देश को श्री अन्न का ग्लोबल हब बनाने की तैयारी में है. इसके लिए हैदराबाद के भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाने की तैयारी है. श्री अन्न की खासियत है कि इसकी फसलों को बहुत कम पानी की जरूरत होती है. वित्त मंत्री ने कहा था कि भारत बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. भारत के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2023 को 'बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया गया है. बाजरा के एक पौधे को पूरे जीवनकाल में केवल 350 मिलीमीटर पानी चाहिए होता है. इसके अलावा अगर मोटे अनाज की फसल किसी कारण से खराब हो जाए तो वो पशुओं के चारे के काम आ जाती है.
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