किसान अपनी खाली जमीन पर कर सकते हैं कमाई, सौर कृषि आजीविका योजना का उठाएं फायदा- चेक करें डीटेल्स
राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए उनकी खाली या उपयोग में नहीं आने वाली जमीनों और खेतों के लिए सौर कृषि आजिविका योजना चलाई है. इस योजना से किसान सोलर एनर्जी प्लांट को लगाकर बढ़िया पैसा कमा सकते हैं.
देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बढ़ा योगदान किसानों का रहा है. इस कारण भारत के हर राज्य की सरकारें किसानों के लिए उनके फायदे की योजनाएं लाती रहती हैं. इसी तरह राजस्थान सरकार ने भी किसानों की कमाई को ध्यान में रखते हुए सौर कृषि आजिविका योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत किसान सोलर प्लांट लगाकर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. सौर कृषि आजिविका योजना के अंर्तगत किसान अपनी खराब या उपयोग में नहीं आने वाली जमीन पर सोलर एनर्जी प्लांट लगवा सकते हैं. इसके साथ ही इस योजना के तहत सौर ऊर्जा प्लांट को लगाने लिए कुल लागत का 30 फीसदी सब्सिडी पीएम कुसुम योजना के जरिए डेवलपर को दी जाएगी. इसके लिए सरकार ने एक पोर्टल तैयार किया है. इसकी मदद से किसान यहां अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. किसानों को रजिस्ट्रेशन के लिए 1,180 रुपये की फीस का भुगतान करना होगा. और डेवलपर के लिए ये फीस 5,900 रुपये रहेगी.
कैसे करें रजिस्ट्रेशन
सौर कृषि आजिविका योजना से जुड़ने के लिए किसानों को राजस्थान सरकार के ऑफिशियल पोर्टल https://www.skayrajasthan.org.in/OuterHome/Index पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इस पोर्टल पर योजना से जुड़ी हर तरह की जानकारी किसानों के लिए आसानी से उपलब्ध रहेगी. आपके पास रजिस्ट्रेशन के लिए अपना आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, खेत की खतौनी के डॅाक्यूमेंट्स, अपनी बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो, अपना भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र का होना जरुरी है. साथ ही आपका मोबाइल नंबर भी आधार कार्ड से लिंक होना जरुरी है.
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योजना से क्या होगा फायदा
सौर कृषि आजीविका योजना के तहत किसान अपनी बेकार पड़ी जमीन और बंजर भूमि को सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए कम से कम 1 हैक्टेयर तक किराए पर दे सकता है. राजस्थान सरकार के ऑनलाइन पोर्टल से प्लांट लगाने के लिए सौर ऊर्जा कंपनियां भी जमीन को चुन सकती हैं. इसके साथ ही सौर कृषि आजीविका योजना के तहत सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए सब्सिडी भी दे रही है. सोलर एनर्जी प्लांट लगाने के लिए होने वाले कुल खर्च की 30 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है. ये सब्सिडी पीएम कुसुम योजना के जरिए डेवलपर को दी जाएगी. सरकार किसानो के जोखिम को कम करने के लिए तीन पक्षों के बीच एक समझौता भी कराएगी. ये कॉन्ट्रेक्ट जमीन के मालिक, डेवलपर और कंपनी के बीच होगा.