खेती में टेक्नोलॉजी (Technology in Farming) का इस्तेमाल हर दिन बढ़ रहा है. वहीं दूसरी ओर तेजी से खेती योग्य जमीन कम होती जा रही है और आबादी तेजी से बढ़ती जा रही है. आबादी बढ़ने की वजह से ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) भी बढ़ रही है और मौसम का चक्र भी बदल रहा है. ऐसे में अब जरूरत है ऐसी टेक्नोलॉजी की, जिसके चलते किसी भी मौसम में कोई भी फसल उगाई जा सके. आज हम एक ऐसी ही टेक्नोलॉजी की बात करेंगे. इस टेक्नोलॉजी का नाम है पॉलीहाउस (Polyhouse), जिससे किसानों की पैदावार और कमाई दोनों बढ़ती है.

जानिए क्या होता है पॉलीहाउस

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पॉलीहाउस पॉलीथीन (200 माइक्रोन से अधिक) की मदद से बना एक स्ट्रक्चर होता है. इसे लोहे या जीआई पाइपों की मदद से बनाते हैं. इसमें आप तापमान से लेकर सूरज की रोशनी और हवा तक को अपनी मर्जी से कंट्रोल कर सकते हैं. तापमान कंट्रोल करने के लिए पॉलीहाउस में फॉगर्स और एग्जॉस्ट फैन का इस्तेमाल किया जाता है.

जानिए पॉलीहाउस में खेती के फायदे

अगर आप पॉलीहाउस में कोई फसल उगाते हैं तो उसमें आप साल भर कोई भी फसल कभी भी ले सकते हैं. यानी आपको ना धूप की चिंता है ना बारिश की ना आंधी-तूफान की. गर्मी हो या ठंडी, हर मौसम में पॉलीहाउस में कुछ भी उगा सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बंद स्ट्रक्चर होने की वजह से इसका तापमान कंट्रोल किया जा सकता है. स्ट्रक्चर बंद होने की वजह से हवा से फैलने वाले रोग या कीट भी आपकी फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं. ऐसे में किसान की पैदावार भी बढ़ जाती है. साथ ही पॉलीहाउस में उगाए फलों और सब्जियों में एक अलग ही तरह की चमक होती है, जिससे वह बाजार में अच्छे दाम में बिकते हैं.

2-3 गुना बढ़ जाती है पैदावार

अगर खुले में खेती की तुलना में पॉलीहाउस में खेती की बात करें तो किसानों की पैदावार 2-3 गुना तक बढ़ सकती है. खुले में जितनी जमीन में आप 20-30 टन टमाटर उगाएंगे, पॉलीहाउस में उतनी ही जगह में आप 60-70 टन टमाटर उगा सकते हैं. कीटनाशक का खर्च भी कम होता है, जिससे लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है. पॉलीहाउस की एक और अच्छी बात ये होती है कि रात में पौधे ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते हैं, जिससे रात में पौधों के आस-पास ढेर सारी कार्बन डाई ऑक्साइड जमा हो जाती है. इस कार्बन डाई ऑक्साइड का इस्तेमाल दिन में पौधे फोटो सिंथेसिस के लिए करते हैं, जिसे आसान भाषा में कह सकते हैं कि इससे पौधे अपना खाना बनाते हैं.

क्या-क्या उगा सकते हैं पॉलीहाउस में?

वैसे तो आप पॉलीहाउस में कुछ भी उगा सकते हैं, लेकिन इसमें खेती करने पर किसान की लागत थोड़ी बढ़ती है, ऐसे में इसमें महंगी सब्जियां, फल और सलाद उगाना फायदे का सौदा होता है. पॉलीहाउस में लाल-पीली शिमला मिर्च, चैरी टमाटर, लेट्यूस, ब्रोकली, केल जैसी चीजों की खेती से खूब फायदा होगा. वहीं अगर आप ऑफ सीजन में टमाटर, मिर्च, खीरा, बैंगन आदि उगाते हैं तो इन सामान्य सब्जियों से भी खूब पैसा कमा सकते हैं. 

पॉलीहाउस लगाने में कितना खर्च आता है?

इसकी लागत अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हो सकती है. पहाड़ी इलाकों में अलग कीमत होगी, जबकि सपाट इलाकों में अलग. अगर सपाट इलाके की ही बात करें तो करीब 1000 स्क्वायर मीटर जगह पर पॉलीहाउस बनाने में करीब 10 लाख रुपये का खर्चा आएगा. अच्छी बात ये है कि इस पर अलग-अलग राज्य की सरकारें सब्सिडी भी देती हैं. 

कितनी मिलती है सब्सिडी?

पॉलीहाउस के लिए मिशन फॉर इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर यानी एमआईडीएच के तहत नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन यानी एनएचएम काम करती है. एनएचएम ही पॉलीहाउस के लिए सब्सिडी देती है. यह सब्सिडी अमूमन 50 फीसदी तक होती है, जो अलग-अलग राज्यों में 90 फीसदी तक जा सकती है. hortnet.gov.in पर जाकर आप पॉलीहाउस की सब्सिडी के लिए ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं.