खेती (Farming) में तकनीक का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में अधिकतर लोग पुराने जमाने की खेती के बारे में भूलते जा रहे हैं. आज हम आपको पुराने जमाने की एक ऐसी खेती के बारे में बताएंगे, जिसे आज के वक्त में आप तकनीक का इस्तेमाल करते हुए भी कर सकते हैं और तगड़ी पैदावार हासिल कर सकते हैं. यहां बात हो रही है मिश्रित खेती (Mixed Farming) की. मिश्रित खेती में एक साथ कम से कम दो फसल और अधिक से अधिक 4 फसलें लगाई जाती हैं. इससे ज्यादा फसलें एक साथ लगाएंगे तो आप उन पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाएंगे और आपका नुकसान हो सकता है.

कैसे होती है मिश्रित खेती?

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मिश्रित खेती में एक से अधिक फसलों को एक साथ लगाया जाता है. हालांकि, इसके लिए आपको अपने यहां की मिट्टी और वातावरण के हिसाब से फसलों को चुनाव करना होगा. आप अपने किसी नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से मिलकर भी इस बारे में जानकारी ले सकते हैं. मान लीजिए आपके यहां अंगूर की बगिया लगाी जा सकती है. इसे तैयार होने में कम से कम 2 साल लगेंगे और तब तक बीच की सारी जगह खराब होगी. इस दौरान आप बची हुई जगह पर गेंदे के फूल लगा सकते हैं. आप तरबूज के साथ भी गेंदे के फूल की खेती कर सकते हैं. गेंदे के फूल होने की वजह से बहुत सारी मधुमक्खियां खेत में आएंगी और परागण की प्रक्रिया में मदद करेंगी इतना ही नहीं, तरबूज या अंगूर की फसल पर कीटनाशक का छिड़काव करते वक्त जो कीटनाशक फूलों पर गिरेगा, वह भी गेंदे को नुकसान नहीं पहुंचाएगा, उल्टा कीटों से निपटने का काम करेगा. यानी ये दोनों फसलें एक दूसरे के लिए पूरक फसलों जैसी हैं.

अगर आप बांस, चंदन, अमरूद, आम जैसी खेती करते हैं तो बीच की बची जगह पर आप हल्दी या अदरक लगा सकते हैं. अगर पौधे अभी छोटे हैं तो बीच की जगह पर सब्जियां और साग भी लगाए जा सकते हैं. ऐसे ही आप खेत में नीचे गन्ना बुआई कर के उसके ऊपर गेहूं लगा सकते हैं. इससे होगा ये कि आपकी गन्ने की फसल बाद में उगेगी, लेकिन गेहूं की फसल काफी पहले ही तैयार हो चुकी होगी. आप चाहे तो गन्ने के साथ धनिया, मूली, गोभी जैसी खेती भी कर सकते हैं.

कई किसान तो 4 फसलें एक साथ लगाते हैं. सबसे पहले नीचे अदरक लगा देते हैं, जिससे उगने में काफी वक्त लगता है. वहीं ऊपर जमीन पर चौलाई का साग लगा देते हैं, जिसे पौधे बड़े होने पर उखाड़ते जाते हैं और बेचते जाते हैं. बीच-बीच में आप कुंदरू की बेल लगा सकते हैं, जिसके लिए लकड़ी और पराली आदि को मिलाकर एक शेड जैसा स्ट्रक्चर बना सकते हैं. इस शेड के दो फायदे होंगे. एक तो चौलाई तेज धूप से बच जाएगी और दूसरा ये कि  कुंदरू की बेल इस शेड पर फैलकर फल देती रहेगी. कुंदरू की बेल एक बार लगा देने के बाद वह कई सालों तक फल देती रहती है. वहीं खेत के बीच-बीच में पपीपे के पौधे लगा सकते हैं, क्योंकि इसका पेड़ लंबा होता है और वह ऊंचा होकर शेड से ऊपर निकल जाएगा. इस तरह आप खेत में एक साथ 4 फसलों की खेती कर सकते हैं.

क्या है मिश्रित खेती का फायदा?

इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे कम जगह में अधिक उत्पादन पाया जा सकता है. वहीं खाली जगह का अच्छा इस्तेमाल हो जाता है. मिश्रित खेती में किसान की आय 2-3 गुना तक बढ़ जाती है, क्योंकि लागत कम हो जाती है. लेकिन इसका फायदा सिर्फ वही किसान उठा पाते हैं जो हर दिन अपने खेत पर ध्यान रखते हैं और खुद खेत में जाकर अपनी फसल को देखते हैं. अगर एक साथ लगाई जाने वाली फसलें सही नहीं होंगी तो आपको फायदा होने के बजाय नुकसान हो सकता है. मिश्रित खेती में एक अच्छी बात ये भी होती है कि इस तरीके से आपकी कमाई पूरे साल जारी रहती है.