Weather Latest Update: मौसम विभाग ने कहा कि अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी का गेहूं की तैयार फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान देश में अत्यधिक गर्मी पड़ेगी जिसका सबसे बुरा प्रभाव मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर पड़ने की आशंका है. उन्होंने कहा कि हालांकि, मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों के लिए लू (Heat Wave) की कोई चेतावनी नहीं है. 

बढ़ती गर्मी से नहीं घटेगी गेहूं की पैदावार

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महापात्र ने कहा, मध्य प्रदेश में इस समय तापमान 37-40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है और अगले हफ्ते इसके 42 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है. राज्य में गेहूं की कटाई का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है, इसलिए कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाता है, तो भी पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. 

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देश में 2022 में लू के शुरुआती असर ने भारत में गेहूं उत्पादन को प्रभावित किया, जिससे दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश को निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था. अगले हफ्ते के दौरान देश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2-3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की संभावना है.

10-20 दिन गर्मी की लहर

मौसम विभाग के मुताबिक सामान्य तौर पर 4-8 दिन की जगह देश के अलग-अलग भागों में करीब 10-20 दिन गर्मी की लहर रहने की उम्मीद है. अप्रैल के दौरान दक्षिण भारत और उत्तर भारत के कई इलाकों में सामान्य से ज्यादा गर्मी की लहर रहेगी. जिन इलाकों में भीषण गर्मी का असर देखने को मिलेगा उनमें गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तरी कर्नाटक शामिल हैं. इसके बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश शामिल हैं.

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