Basmati Rice: बासमती चावल का निर्यात बढ़ाने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुकूल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. यूपी सरकार ने बासमती चावल में 10 कीटनाशकों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. बासमती चावल में लगने वाले कीटों और रोगों की रोकथाम के लिए किसानों द्वारा कृषि रक्षा रसायनाों का इस्तेमाल किया जाता है. इन रसायनों के अवशेष चावल में पाए जा रहे हैं, जिससे निर्यात प्रभावित हो रहा है.

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बासमती चावल में फफूंदनाशक रसायन ट्राईसाइक्लाजोल अधिकतम कीटनाशी अवशेष स्तर (MRL) से अधिक पाए जाने का कारण निर्यात में 15 फीसदी की कमी आई है. APEDA (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथोरिटी) द्वारा कृषि विभाग को जानकारी दी गई है कि यूरोपीय संघ द्वारा बासमती चावल में ट्राईसाइक्लाजोल का अधिकतम कीटनाशी अवशेष स्तर 0.01 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) निर्धारित किया गया है.

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चावल में फफूंदनाशक रसायन ट्राईसाइक्लाजोल निर्धारित एमआरएल से अधिक पाये जाने का कारण इसके यूरोप, अमेरिका और खाड़ी देशों के निर्यात में कमी आई है. इसे देखते हुए 30 जिलों में 10 कीटनाशकों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

ये हैं 10 कीटनाशक

ट्राईसाइक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपाइरीफास, हेक्साकोनोजोल, प्रोफिकोनाजोल, बायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफास, इमिडाक्लोप्रिड व कार्बेडजिम कीटनाशकों के सभी प्रकार के फॉर्मुलेशन की बिक्री, वितरण और इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है.

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30 जिलों में इस्तेमाल पर लगाई रोक

राज्य के 30 जिलों आगरा, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर व संभल में बासमती चावल में कीटनाशकों का इस्तेमाल प्रतिबंधित किया गया है.