Natural Farming: रियाटर प्रोफेसर अशोक गोस्वामी ने 20 बीघा बंजर जमीन को कई वर्षों की मेहनत के बाद 20 तरह के फलों वाले बगीचे में बदलकर हरा भरा कर दिया है. वो इस जमीन में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) विधि से फलों के साथ कई तरह की सब्जियों और अनाज फसलों का उत्पादन ले रहे हैं. अशोक रिटायरमेंट के बाद अब पूरा समय फार्म में बिताते हैं और प्राकृतिक खेती को पूरी तरह अपनाने के लिए उन्होंने देसी गाय की खरीद ली. प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध बैजनाथ को फर्म टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में ख्याति दिलाने के लिए उन्होंने नयी पहल की.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्राकृतिक खेती विधि से फॉर्म टूरिज्म का मॉडल खड़ा करने वाले प्रो. अशोक को इससे बहुत अच्छा परिणाम मिला. हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक, उनके फार्म में 20 तरह के फलदार पौधे लगे हैं और सभी में फल आना शुरू हो गए हैं. उनके मुताबिक, उनके पास दूर-दूर से लोग आते हैं और वे मेरे इस प्रयास को बहुत सराह रहे हैं. इसलिए अब मैंने अपने फार्म को 'नेचुरल एग्रोटूरिज्म' नाम दिया.

ये भी पढ़ें- 2023 Stock Picks: नए साल में दमदार कमाई वाले ये 10 शेयर भरेंगे आपकी जेब, ब्रोकरेज ने लगाया दांव, यहां देखें लिस्ट

क्या है प्राकृतिक खेती?

प्राकृतिक खेती एक केमिकल फ्री एग्री सिस्टम है जो इको-सिस्टम, संसाधन रीसाइक्लिंग और ऑन-फार्म संसाधन अनुकूलन की आधुनिक समझ से समृद्ध है. इसे एग्री इकोसिस्टम आधारित विविध कृषि प्रणाली के रूप में माना जाता है जो कार्यात्मक जैव विविधता के साथ फसलों, पेड़ों और पशुधन को एकीकृत करती है. 

प्राकृतिक खेती के फायदे

प्राकृतिक खेती मिट्टी के स्वास्थ्य को बहाल करना, विविधता को बनाए रखना, पशु कल्याण सुनिश्चित करना, प्राकृतिक,स्थानीय संसाधनों के कुशल उपयोग पर जोर देता है. मिट्टी की जैविक गतिविधि को प्रोत्साहित करती है और खाद्य उत्पादन प्रणाली के साथ-साथ पौधों और जानवरों दोनों के जीवित जीवों की जटिलता का प्रबंधन करती है.

प्राकृतिक खेती का उद्देश्य लागत में कमी, कम जोखिम, समान पैदावार, अंतर-फसल से होने वाली आय के कारण किसानों की आय में वृद्धि करके खेती को महत्वाकांक्षी बनाना है.

ये भी पढ़ें- Business Idea: नौकरी के साथ शुरू करें मुनाफा वाला ये बिजनेस, एक बार लगाएं पैसा, 10-15 साल तक आराम से कमाएं

कम खर्च में ज्यादा मुनाफा

प्रो. अशोक प्राकृतिक खेती से कम खर्च में मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने 20 बीघा में फलों के साथ मटर, धनिया, अदरक, लहसुन, प्याज और खीरा की खेती की. इस पर उन्हें 7500 रुपये का खर्च आया, जबकि मुनाफा 250000 रुपये हुआ. उनका कहना है कि किसानों को परंपरागत अनाज फसलों से हटकर फलों और सब्जियों की खेती की ओर रूख करना चाहिए ताकि उनकी आर्थिक और बेहतर हो सके.

प्राकृतिक खेती विधि में किसानों को मिश्रित फसलें लगानी होती है जिससे उन्हें थोड़े-थोड़े समय में आय होती रहती है. मेरा मानना है कि सभी किसानों को इस खेती विधि को प्रयोग के तौर पर शुरू करके इसका दायरा बढ़ाना चाहिए.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें