Success Story: आज का युवा पीढ़ी पढ़ाई-लिखाई करने के बाद नौकरी को तवज्जो देते हैं, लेकिन बिहार के एक युवा ने अपने किसान पिता की मौत के बाद खेती में हाथ आजमाया और 23 साल की उम्र में एक समृद्ध किसान बन गया. मुजफ्फरपुर के मछही गांव के युवा किसान (Farmer) सोनू निगम कुमार के पिता दिनेश कुमार प्रगतिशील किसान थे. वर्ष 2019 में पिता की करंट लगने से मौत हो गई. पिता की मौत के बाद सबकुछ बिखर गया. पिता लीज पर जमीन लेकर 135 एकड़ में खेती करते थे. केला (Banana), धान (Paddy), गेहूं (Wheat) के साथ सब्जियों की खेती करते थे.

खेती शुरू करने से पहले ली ट्रेनिंग

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पिता की मौत के बाद खेत की लीज भी खत्म हो गई. सोनू के पास दो रास्ता था, या तो वह पढ़ाई करता या फिर खेती करता. एक बहन और मां की जिम्मेदारी भी सोनू के कंधे पर आ गई. सारे लोग दिलासा देने आते लेकिन सहायता के नाम पर कोई सामने नहीं आया. उस समय सोनू मात्र 19 साल का था. उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी खेती किसान को समझना. खेती में लगे पैसे डूब रहे थे. इस मुश्किल घड़ी में सोनू ने हिम्मत से काम लिया. मां और बहन के सहयोग से खेती के लिए ट्रेनिंग ली. आत्मा, कृषि अनुसंधान संस्थान ने सोनू को ट्रेनिंग दी. 

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केला, सब्जियों की खेती

बिहार सरकार कृषि विभाग के मुताबिक, सोनू ट्रेनिंग लेकर लौटा तो परवल का लत्तर मिला था, लेकिन उसके पास पहले से पारंपरिक लत्तर पड़ा था. उसने दोनों को साथ बोया. नतीजा यह हुआ कि फसल शानदार हुई. सारे परवल बिक गए. सोनू आज 6 एकड़ में परवल, 60 एकड़ में जी-9 केला और 3 एकड़ में सब्जियों की खेती कर रहे हैं.

वह अपनी सारी सब्जियों की मार्केटिंग दिल्ली और पटना में करते हैं. खेती में रचनात्मक प्रयोग के लिए सोनू को केंद्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा से युवा किसान का पुरस्कार भी मिल चुका है.

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