Success Story: विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे भारत देश की खाद्यान्न जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन-रात हमारे किसान भाई समय पर और मेहनत से अन्न उगाते हैं. लेकिन जब मेहनत को आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक सोच के सपोर्ट से किया जाए तो न सिर्फ पैदावार बढ़ती है बल्कि आमदनी में भी बढ़ोतरी होती है.

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गांव साडराणा ब्लॉक गुरुग्राम, जिला गुरुग्राम के तेजेंद्र यादव ने देखा कि उनके पिता पुराने तरीके से खेती करते आ रहे हैं. जिसमें मुनाफा कम होता था और अनाज जब मंडियों तक जाते थे तो उनकी सही कीमत नहीं मिल पाती थी. इस बात में तेजेंद्र को सुकून से नहीं रहने दिया.

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प्राकृतिक खेती से मिली उपज की बेहतर कीमत

कृषि विभाग, हरियाणा सरकार के मुताबिक, साल 2018 से उन्होंने इस मामले में कुछ अलग हटकर करने की कोशिश की. परंपरागत खेती को छोड़, नए तरीके अपनाए. अब उन्हें सरकार की योजना के तहत उत्पादन की अच्छी कीमत मिलने लगी है. 

तेजेंद्र ने बताया कि उसने नए तरीके से खेती शुरू की. नेट हाउस लगाया, बागवानी के अंदर कदम रखा. गेहूं के साथ मोटे अनाज की खेती शुरू की. बिक्री के लिए हरियाणा सरकार ने मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल चालू किया, जिसमें हर किसान इसमें अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उपज की अच्छी कीमत मिलती है. इसमें किसानों को सरकारी रेट मिलते हैं.

'मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल' के सहारे तेजेंद्र को उनकी फसल का अच्छा दाम मिला. तेजेंद्र ने अपने खेतों में प्राकृतिक तकीके से मोटे अनाज, गेहूं, सरसों, बाजरा और ढैंचा लगाया. ढैंचा को हरी खाद के रूप में उन्होंने लगाया. इससे न सिर्फ पैदावार में बढ़ोतरी हुई बल्कि जमीन में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा भी बढ़ी. 

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मेरी फसल, मेरा ब्यौरा का फायदा

  • किसान का रजिस्ट्रेशन, फसल का रजिस्ट्रेशन, खेत का ब्यौरा और फसल का ब्यौरा.
  • किसानों के लिए एक ही जगह पर सारी सरकारी सुविधआओं की उपलब्धता और समस्या निवारण के लिए अक अनूठा प्रयास.
  • कृषि संबंधित जानकारियां समय पर उपलब्ध कराना.
  • खाद्य, बीज, ऋण व कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर उपलब्ध करवाना.
  • फसल की बिजाई-कटाई का समय व मंडी संबंधित जानकारी उपलब्ध कराना.
  • प्राकृतिक आपदा-विपदा के दौरान सही समय पर सहायता दिलाना.

कृषि विभाग द्वारा लगाए जा रहे कैंप की मदद से तेजेंद्र जैसे प्रगतिशील किसान आज अपनी परंपरागत कृषि पद्धति को छोड़ अत्याधुनिक और वैज्ञानिक दृष्टि से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं.

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