Success Story: कहते हैं कि जिस काम में मन लगे वही काम करना चाहिए. आज के युवा जहां पढ़-लिखकर नौकरी करना चाहता है तो वहीं तो वहीं गया का एक युवा है जिसने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ खेती-किसानी करने लगा और अपने मेहनत और लगन के दम पर आज यह युवा लोगों के प्रेरणा का श्रोत बना.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हम बात कर रहे हैं बिहार के गया जिले के टिकारी के बड़गांव गांव के निवासी युवा किसान प्रभात कुमार की, जो पहले एक इंजीनियर थे. प्रभात ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ खेती-किसानी में हाथ आजमाया और इसमें सफल भी हुए.

ये भी पढ़ें- खेती की इस तकनीक ने किसान की बदली किस्मत, एक साल में कमाया ₹10 लाख का मुनाफा

इंजीनियरिंग कर विदेश में किया काम

बिहार कृषि विभाग के मुताबिक, प्रभात आठवीं क्लास तक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए स्कूल फीस भरने को मोहताज हो गया. आठवीं के बाद स्कूल जिला स्कूल में नाम लिखवाया. फिर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बाद कृषि इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. विदेश में काम के बाद मौका भी मिला.

मशरूम की खेती शुरू की

अपनी मिट्टी के लिए कुछ करने का सोच था. पहले लोग मशरूम के बारे में जानते नहीं थे. इसकी मांग 10 वर्षों से बढ़ी है. इसमें राज्य काफी आगे बढ़ा है. खेती में बदलावा आया है. 2016-17 में मशरूम की खेती की शुरुआत की थी. अभी वार्षिक टर्न ओवर 2 करोड़ रुपये है. 

ये भी पढ़ें- 2 महीने में होगी बंपर कमाई, इस महीने करें बेल वाली सब्जियों की उन्नत किस्मों की बिजाई, जानें तरीका

25 हजार से ज्यादा किसान जुड़े

प्रभात कुमार की कृषि इंजीनियरिंग से बिहार के लगभग 450 गांवों में 25 से 28 हजार किसान जुड़े हैं. उन्होंने सबसे पहले उन्हें परंपरागत पद्धति से बाहर निकालकर कृषि की नई तकनीक से जोड़ा. प्रभात ने मशरूम उत्पादन का प्रोसेसिंग प्लांट बनाया, जिसमें बहुत सारे लोग काम करते हैं. यहां 10 हजार किग्रा मशरूम उत्पादन प्रतिदिन होता है. उन्होंने प्रशिक्षण के लिए समर्थ नाम की संस्था बनाई और इससे लोगों को जोड़ना शुरू किया.

एक छोटे से कमरे में उगा सकते हैं मशरूम

मशरूम का उत्पादन एक छोटे से कमरे में भी किया जा सकता है. इसके लिए खेत की जरूरत नहीं पड़ती है. यही वजह है कि इसमें प्राकृतिक आपदा का जोखिम नहीं के बराबर रहता है. जिसके पार खेतिहर जमीन नहीं है, वह भी एक छोटे से कमरे में मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- Success Story: किसान ने सरकारी मदद से शुरू किया ये बिजनेस, अब सालाना कमा रहा ₹5 लाख से ज्यादा

सरकार देती है सब्सिडी

बिहार में मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार किसानों को बंपर सब्सिडी देती है. 'मशरूम किट वितरण योजना' के तहत राज्य के किसान मशरूम की किट पर कुल लागत 55 रुपये पर 90 फीसदी सब्सिडी पर किट ले सकते हैं. इसका मतलब किसानों को मशरूम किट पर सिर्फ 5 से 6 रुपये ही खर्च करने होंगे. इस योजना में किसानों को न्यूनतम 25 कीट और अधिकतम 100 मशरूम किट दी जाएंगी. 

ये भी पढ़ें- Success Story: प्राकृतिक खेती ने बदल दी किसान की तकदीर, एक साल में कमा लिया ₹10 लाख का मुनाफा