टमाटर की खेती से प्रति एकड़ लाखों का मुनाफा कमा रहे किसान, इस विधि से खेती पर सब्सिडी दे रही सरकार
Tomato Farming: किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 46,000 रुपये सब्सिडी प्रदान की जा रही है. सब्सिडी की यह राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में डाली गई है.
Tomato Farming: किसानों का रुझान बागवानी की खेती की ओर लगातार बढ़ रहा है. किसानों ने बागवानी की खेती आधुनिक तरीके से करना शुरू कर दिया है. वहीं, बावगानी विभाग भी किसानों को अनुदान देकर बागवानी की खेती को बढ़ावा दे रहा है. हॉर्टिकल्चर एक तेजी से उभरता हुआ कृषि व्यवसाय है. हॉर्टिकल्चर में मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, फूलों की खेती, सब्जियों और फलों की खेती और मसालों की खेती करना शामिल है.
हॉर्टिकल्चर विभाग हरियाणा द्वारा पलवल जिले में वर्ष 2024-25 के लिए स्टेकिंग यानी बांस बल्ली पर बेल वाली फसलों को चढ़ाने के लिए 130 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है. हॉर्टिकल्चर विभाग पलवल द्वारा यह लक्ष्य पा लिया गया है.
कितनी मिल रही सब्सिडी
किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 46,000 रुपये सब्सिडी प्रदान की जा रही है. सब्सिडी की यह राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में डाली गई है. किसानों से आग्रह किया गया है कि टमाटर की फसल को बांस बल्लियों के माध्यम से करें. सरकार द्वारा किसानों को अनुदान राशि प्रदान की जाएगी.
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इस विधि से खेती पर मिलता है ज्यादा उत्पादन
प्रोग्रेसिव फार्मर खेमचंद और गोविंद बागवानी की खेती आधुनिक तरीके से कर रहे हैं. उन्होंने 4 एकड़ में टमाटर की खेती (Tomato Farming) शुरू की है. यह टमाटर बेल पर उगता है. बेल को बांस बल्लियों पर चढ़ाया जाता है. बेल पर टमाटर की फसल में कोई रोग नहीं लगता है और उत्पादन भी अधिक होता है.
प्रति एकड़ लाखों का मुनाफा
बाजार में टमाटर की मांग लगातार रहती है. किसानों को प्रति एकड़ लाखों रुपये का फायदा होता है. टमाटर की फसल में जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं. डीएपी (DAP), यूरिया (Urea) या अन्य केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं. बागवानी की फसलों में काफी अच्छा मुनाफा होता है, इसलिए परंपरागत फसलों को उगाना बंद कर दिया है. केवल बागवानी की खेती शुरू कर दी है.
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