Soybean Procurement on MSP: सोयाबीन किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार अब सोयाबीन को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर खरीदेगी. केंद्र सरकार ने तीन राज्यों महाराष्‍ट्र, कर्नाटक और तेलांगाना से एमएसपी सोयाबीन की खरीद करने का ऐलान किया है. सोयाबीन किसानों को सशक्त बनाते हुए, MSP में 91% की बढ़ोतरी की गई है, जो वर्ष 2013-14 में ₹2,560 प्रति क्विंटल से बढ़कर वर्ष 2024-25 के लिए ₹4,892 प्रति क्विंटल हो गई है.

सोयाबीन उत्पादकों को मिलेगी आर्थिक मजबूती

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किसानों के हितों की रक्षा हेतु केन्द्र सरकार ने केंद्रीय नोडल एजेंसियों को मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत सोयाबीन की खरीद के लिए दिशानिर्देश दिए हैं ताकि किसानों को सोयाबीन की फसल बेचने में कोई कठिनाई न हो और उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिल सके.

MSP पर सोयाबीन की खरीद केंद्रीय नोडल एजेंसियों जैसे नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) से होगी. किसानों को फसल बेचने में होने वाली कठिनाइयों से बचाने के लिए जरूरी प्रबंध किए गए हैं. कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में एमएसपी पर खरीद शुरू होगी.

मध्यप्रदेश अब फिर 'सोयाप्रदेश'

मध्य प्रदेश का 𝟓.𝟒𝟕 मिलियन टन उत्पादन के साथ देश में पहला स्थान है. महाराष्ट्र, राजस्थान को पीछे छोड़ा, 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ देश में पहला स्थान. भारत सरकार के जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश 5.47 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन के साथ पहले नंबर पर आ गया है. देश के कुल सोयाबीन उत्पादन में मध्य प्रदेश का योगदान 𝟒𝟏.𝟗𝟐% है. सोयाबीन का रकबा 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 की अपेक्षा 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 में 𝟏.𝟕% बढ़ा.  देश के कुल सोया उत्पादन में राजस्थान का योगदान 8.96% है. 

पिछले दो सालों में मध्य प्रदेश में सोयाबीन उत्पादन में कमी आने से मध्यप्रदेश पिछड़ गया था. वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर था और देश के कुल सोयाबीन उत्पादन में 42.12% का योगदान था. मध्य प्रदेश 5.39 मिलियन टन के साथ दूसरे नंबर पर था। देश के कुल सोया उत्पादन में योगदान 41.50 फीसदी था. इसके पहले 2021-22 में भी महाराष्ट्र 6.20 मिलियन टन उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर था और देश के सोयाबीन उत्पादन में 48.7% का योगदान.

सोयाबीन फसल के लिए कृषि सलाह

सोयाबीन में फसल को खरपतवार से बचाने के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. किसान खरपतवार नियंत्रण के लिए इमेजाथायापर 10 ई.सी. या क्यूलोफोस 5 ई.सी. प्रति हेक्टेयर छिड़कें.  पीला मोजेक रोग से प्रभावित पौधों को उखाड़ें और इमिडाक्लोप्रिड 250 मि.ली. का छिड़काव करें. फसल की सुरक्षा और बेहतर उत्पादन के लिए इन उपायों को अपनाएं.