Agri Business Ideas: खेती-किसानी में फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए बीज (Seed) सबसे महत्वपूर्ण और सस्ता बुनियादी निवेश है. अच्छी क्वालिटी के बीज किसानों के लिए जरूरी निवेशों में से एक है. बेहतर क्वालिटी के बीज एग्री सेक्टर में सफलता की कुंजी है और खेती की कुल लागत का एक छोटा सा हिस्सा है.  अगर बीज खराब क्वालिटी का आए तो किसान की मेहनत और पैसा बेकार चले जाते हैं. किसानों की कमाई बढ़ाने में सबसे अहम रोल बीज (Seed) का होता है. बीज जितनी अच्छी क्वालिटी का होगा, फसल उतनी ही शानदार होगी.

बीज उत्पादन से करें मोटी कमाई

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अगर किसान फसल को अनाज के तौर पर न उगाकर उसे बीज के रूप में तैयार करें तो उसे बेहतर मुनाफा मिल सकता है.  बीज उत्पादन के लिए केंद्र समेत राज्य सरकारें किसानों की मदद करती हैं. किसानों को बीज उगाने की तकनीक से लेकर समय-समय पर देखभाल और वैज्ञानिक सलाह भी सरकार देती है.

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जमीन की तैयारी

बीज उत्पादन में जमीन की तैयारी एक बड़ा पहलू है, जो बेहतर अंकुरण, खरपतवार उन्मूलन, बेहतर जल प्रबंधन और एक समान सिंचाई में मदद करती है. बीज उत्पादन के लिए चयन किए गए किस्म कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल, अधिक उपज देने वाली, रोग-कीट प्रतिरोधी, अगेती और उचित क्वालिटी अनाज जैसे गुणों वाली होनी चाहिए.

बीजोपचार

आईसीएआर के मुताबिक, बीज फसल को उगाने के लिए बीज को किसी अधिकृत संस्था से पाना चाहिए, जो जेनेटिकली शुद्ध और अन्य जरूरी क्वालिटी मालूम हो. बीज खरीदते समय वैलिडिटी पीरियड की जांज जरूर करें और खरीदे गए बीज-बैग का टैग और सील संभाल कर रखें.

बीजजनित रोगों और कीटों से बचाने के लिए फफूंदनाशकों/कीटनाशकों से उपचार करें. दलहनी फसलों के बीजों को राइजोबियम कल्चर, जो कि एक सहजीवी जैव उर्वरक जीवाणु है का टीका लगाना चाहिए. ये फसलों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण का काम करते हैं. कठोर बीज को मुलायम बनाने के लिए बीज को पानी में भिंगोना चाहिए.

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बोने का समय और बुआई का तरीका

बीज उत्पादन के लिए लाइन में बुआई के लिए एक साफ सीडड्रिल का इस्तेमाल करना चाहिए. छोटे बीज फसलों/खरीफ फसलों/ गीली मिट्टी में उथली गहराई और बड़े बीज फसलों/रबी फसलों/ सूखी मिट्टी में गहराई में बोना चाहिए.

बीज फसल में अच्छी ग्रोथ के लिए खाद 10 टन प्रति हेक्टेयर की दर से और अनुशंसित मात्रा में उर्वरकों को इस्तेमाल उचित समय पर करना चाहिए. बीज फसल की उसकी जरूरत के अनुसार सिंचाई करनी चाहिए. रोपण के समय अच्छा और एक समान अंकुरण सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई जरूरी है.

खरपतवार नियंत्रण और पौध संरक्षण के उपाय

बीज खेत में 2-3 बार हाथ से निराई या खरपतवारनाशी से बीज फसल को खरपतवार से मुक्त रखना चाहिए. किसी भी हालात में, खरपतवार पौधों में फूल/बीज बनने नहीं देने चाहिए. बीज फसल के कीटों और रोगों से नुकसान होने पर बीजों की क्वालिटी खराब और उपज में कमी होती है. इसलिए सिफारिशों के अनुसार उचित समय पर उचित पौध संरक्षण उपाय किए जाने चाहिए.

बीज फसल कटाई

बीजों में नमी की मात्रा, कटाई के समय को तय करने में एक महत्वपूर्ण कारक है. जल्दी कटाई से आंशिक रूप से भरा हुआ बीज मिलता है. दूसरी ओर, देर से कटाई करने से बीज की अंकुरण क्षमता, ओज और जीवन-शक्ति में कमी होती है. थ्रेसिंग में फर्श का उपयोग करने से पहले और बाद में साफ करना चाहिए और बीजों में नमी की मात्रा कटाई के समय कम होनी चाहिए, जो बीजों को नुकासन से बचाने में जरूरी है.