Rice Export Ban: चावल की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार चावल पर और प्रतिबंध लगा सकती है. आपको बता दें कि सरकार गैर-बासमती चावल (Non Basmati Rice) एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा चुकी है.  भारतीय बाजार में गैर- बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और घरेलू बाजार में कीमत बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सरकार ने यह कदम उठाया है.

एक साल में इतना महंगा हुआ चावल

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बता दें कि घरेलू बाजार में चावल के दाम में बढ़ोतरी का रुझान बना हुआ है. खुदरा बाजार में कीमतों में एक साल पहले के मुकाबले 11.5% और पिछले माह के मुकाबले 3% की बढ़ोतरी हुई है. गैर-बासमती चावल (उसना चावल) और बासमती चावल की एक्सपोर्ट पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया गया. कुल चावल निर्यात में इनका योगदान ही अधिक होता है. इससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार के लाभकारी दाम का लगातार लाभ मिलता रहेगा.

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बता दें कि सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पॉलिसी (Export Policy) में संशोधन कर उसे ‘20% निर्यात शुल्क के साथ मुक्त’ से हटाकर तुरंत प्रभाव से ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में डाल दिया. गैर-बासमती चावल (उसना चावल) और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. कुल चावल निर्यात में इनका योगदान ही अधिक होता है. इससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार के लाभकारी दाम का  लगातार लाभ मिलता रहेगा.

 

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कम होंगे दाम

देश के कुल चावल निर्यात में गैर-बासमती सफेद चावल का 25% योगदान होता है. गैर-बासमती सफेद चावल (Non Basmati White Rice) के निर्यात को प्रतिबंधित करने से देश में उपभोक्ताओं के लिये इसके दाम कम होंगे. 

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