PMFBY: जलवायु संकट और टेक्नोलॉजी के तेजी से विकास के मद्देनजर सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana- PMFBY) में किसानों के फायदे के लिए बदलाव करने को तैयार है. बता दें कि इस साल महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब में अत्यधिक बारिश के साथ चरम जलवायु देखने को मिली, जबकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में कम बारिश हुई, जिससे धान, दलहन और तिलहन जैसी फसलों को नुकसान पहुंचा.

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कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय के सचिव मनोज आहूजा ने कहा, खेती आपदाओं से सीधे तौर पर प्रभावित होती है, इसलिए देश के कमजोर किसानों को प्रकृति की मार से बचाना महत्वपूर्ण और बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि नतीजतन फसल बीमा की मांग बढ़ने की संभावना है और भारत में किसानों को पर्याप्त बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए फसल और ग्रामीण और कृषि बीमा उत्पादों के अन्य रूपों पर अधिक जोर देने की आवश्यकता है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय हाल के जलवायु संकट और तेजी से तकनीकी विकास के जवाब में पीएमएफबीवाई में किसान-समर्थक बदलाव करने के लिए तैयार है.

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क्या है Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana?

प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों या किसी भी तरह से फसल के खराब होने की स्थिति में बीमा कवर प्रदान करना ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान की भरपाई हो जाए.

कौन ले सकता है PMFBY का लाभ?

पीएम फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) का लाभ फसल उगाने वाले पट्टेदार, जोतदार किसानों सहित सभी किसान उठा सकते हैं. वे किसान इसका फायदा उठा सकते हैं जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड बना हुआ या बनवाया गया है या सहकारी बैंक का लोन नहीं है.

फसल बीमा योजना का लाभ कैसे मिलेगा?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के लिए एक निर्धारित प्रीमियम का भी भुगतान करना होता है. किसानों को इस समय खरीफ फसलों के लिए बीमा राशि का 2 फीसदी, रबी फसलों का 1.5 फीसदी और व्यावसायिक एवं बागवानी फसलों के लिए अधिकतम 5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना होता है.

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ये हैं जरूरी दस्तावेज

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के किसान की फोटो, आईडी कार्ड (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस), एड्रेस प्रूफ, खेत का खसरा नंबर, सरपंच या पटवारी से खेत में बुआई के लिए एक पत्र की जरूरत होती है.

72 घंटे के अंदर दें सूचना

प्राकृतिक आपदा जैसे बेमौसम बरसात, बाढ़ इत्यादि से फसलों में काफी नुकसान होता है और किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ती है. अगर अब कोई बीमित किसान ऐसी स्थिति का सामना करता है, तो वह 72 घंटों के अंदर नीचे दिए गए विकल्पों के माध्यम से सूचना दे सकता है. किसान क्रॉप इंश्योरेंस ऐप, बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर, नजदीकी कृषि कार्यालय और संबंधित बैंक ब्रांच व जन सेवा केंद्र को सूचना दे सकते हैं.

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(भाषा इनपुट के साथ)