Subsidy on Solar Pump: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Scheme) के तहत वित्त वर्ष 2024-25 के लिए किसानों को सब्सिडी पर 54,000 सोलर पंप (Solar Pump) दिया जाएगा. सब्सिडी पर सोलर पंप पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर मिलेगा. आवेदन 27 फरवरी से शुरू हो चुका है. 

5 हजार रुपये टोकन मनी

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस योजना का फायदा उठाने वाले किसानों को विभाग की वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. अनुदान पर सोलर पंप (Solar Pump) की ऑनलाइन बुकिंग के लिए विभागीय वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in पर 'अनुदान पर सोलर पंप के लिए बुकिंग करें' लिंक पर क्लिक कर ऑनलाइन बुकिंग की जाएगी. किसानों की बुकिंग जनपद के लक्ष्य की सीमा से 110 फीसदी तक 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर की जाएगी. किसानों को ऑनलाइन बुकिंग के साथ 5,000 रुपये टोकन मनी के रूप में ऑनलाइन जमा करना होगा.

ये भी पढ़ें- सरकार ने शुरू किया कृषि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, किसानों को होगा फायदा, जानिए कैसे

जरूरी शर्तें

2 HP के लिए 4 इंच, 3 और 5 HP के लिए 6 इच और 7.5 HP और 10 HP के लिए 8 इंच की बोरिंग होना अनिवार्य है. किसान की खुद की बोरिंग होगी. सत्यापन के समय उपयुक्त बोरिंग न पाये जाने पर टोकन मनी की धनराशि जब्त कर ली जाएगी और आवेदन निरस्त हो जाएगा.

22 फीट तक 2 HP सर्फेस, 50 फीट तक 2 HP सबमर्सिबल, 150 फीट तक 3 HP सबमर्सिबल, 200 फीट तक 5 HP सबमर्सिबल, 300 फीट तक की गहराई पर उपलब्ध जल स्तर के लिए 7.5 HP और 10 HP सबमर्सिबल सोलर पंप (Solar Pump) उपयुक्त होते हैं.

टोकर कन्फर्म करने के 14 दिन के अंदर किसानों को अवशेष किसान अंश की धनराशि का ऑनलाइन टोकन जनरेट कर चालान द्वारा इंडियन बैंक (Indian Bank) की किसी भी ब्रांच अथवा ऑनलाइन जमा करना होगा अन्यक्षा किसान का चयन खुद निरस्त हो जाएगा और टोकन मनी की धनराशि जब्त कर ली जाएगी.

ये भी पढ़ें- बड़ी खबर! सरकार का MSP गारंटी वाला फॉर्मूला तैयार, आम चुनावों से पहले हो सकता है ऐलान

किसानों द्वारा बैंक से लोन लेकर किसान अंश जमा करने पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) से नियमानुसार ब्याज में छूट अनुमन्य है. किसान सोलर पंप (Solar Pump) स्थापित होने के बाद स्थल परिवर्तन नहीं करेंगे, अगर स्थल परिवर्तन किया जाता है तो पूरा अनुदान की धनराशि किसानों से वसूल कर ली जाएगी. बुकिंग की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी और अगर किसी जनपद में किसी पंप विशेष की मांग/बुकिंग कम होती है तो वह लक्ष्य अधिक मांग वाले जनपदों में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे.