Nano DAP Launched: देश के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को IFFCO के नैनो (तरल) DAP उर्वरक को कमर्शियल बिक्री के लिए पेश किया. इसकी 500 मिलीलीटर की बोतल की कीमत 600 रुपये होगी. यह कीमत पारंपरिक DAP की मौजूदा कीमत की आधी से भी कम है. इस कदम से भारत को अपनी आयात निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी. पारंपरिक डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) का एक 50 किलो का बैग मौजूदा समय में किसानों को 1,350 रुपये में बेचा जा रहा है. दुनिया की पहली नैनो तरल (लिक्विड) डीएपी की एक बोतल (500 एमएल) की क्षमता पारंपरिक डीएपी के एक बैग (50 किग्रा) के बराबर होगी. 

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अमित शाह ने कहा कि इफ्को नैनो डीएपी(तरल) प्रोडक्ट का लॉन्च फर्टिलाइजर के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण शुरुआत है. उन्होंने कहा कि इफ्को का यह प्रयास सभी राष्ट्रीय सहकारी समितियों को अनुसंधान और नए क्षेत्रों में पदार्पण के लिए प्रेरित करने वाला है. 

 

किसानों को होगा फायदा

उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में इफ्को नैनो डीएपी (तरल) प्रोडक्ट का लॉन्च आने वाले दिनों में भारत के कृषि क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन लाएगा और किसानों की समृद्धि के अंदर बहुत बड़ा योगदान देगा और उत्पादन व फर्टिलाइजर के क्षेत्र में भारत को निश्चित रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा. 

शाह ने कहा कि तरल डीएपी के उपयोग से सिर्फ पौधे पर छिड़काव के माध्यम से उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को बढ़ाने के साथ-साथ भूमि का भी संरक्षण किया जा सकेगा. इससे भूमि को फिर से पूर्ववत करने में बहुत बड़ा योगदान मिलेगा और केमिकल फर्टिलाइजर युक्त भूमि होने के कारण करोड़ों भारतीयों के स्वास्थ्य को जो खतरा बन रहा था वह भी समाप्त हो जाएगा.

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे दानेदार यूरिया व DAP की जगह लिक्विड नैनो यूरिया व DAP का प्रयोग करें, यह उससे अधिक प्रभावी है. दानेदार यूरिया के उपयोग से भूमि के साथ-साथ फसल और उस अनाज को खाने वाले व्यक्ति की सेहत का भी नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि किसी भी नई चीज को स्वीकारने की क्षमता अगर किसी में सबसे ज्यादा है तो वह किसान में है. 

एक बोतल 45 किलो यूरिया के बराबर

नैनो तरल डीएपी की 500 मिली. की एक बोतल का फसल पर असर 45 किलो दानेदार यूरिया की बोरी के बराबर है. लिक्विड होने के कारण DAP से भूमि बहुत कम मात्रा में केमिकल युक्त होगी. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के लिए महत्वपूर्ण है कि भूमि में केमिकल ना जाए और केंचुओं की मात्रा बढ़े. अधिक संख्यां में केंचुए अपने आप में फर्टिलाइजर के कारखाने की तरह काम करते हैं. 

तरल डीएपी और तरल यूरिया का उपयोग कर किसान भूमि में केंचुओं की संख्या में वृद्धि कर सकता है और अपने उत्पादन व आय को कम किए बगैर प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ सकता है. इससे भूमि का संरक्षण भी किया जा सकेगा. शाह ने कहा कि भारत जैसे देश में जहां साठ प्रतिशत आबादी आज भी कृषि और इसके संलग्न व्यवसायों के साथ जुड़ी हुई है, ये क्रांतिकारी कदम आने वाले दिनों में कृषि को बहुत आगे ले जाएगा और अन्न उत्पादन व  फर्टिलाइजर के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा.

अमित शाह ने कहा कि वर्तमान में देश में 384 लाख मीट्रिक टन फर्टिलाइजर का उत्पादन होता है, जिसमें से 132 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन सहकारी समितियों द्वारा किया गया है. इस 132 लाख मीट्रिक टन में से इफ्को ने 90 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन किया है. उन्होंने कहा कि फर्टिलाइजर, दुग्ध उत्पादन व मार्केटिंग के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता में इफ्को,कृभको जैसी सहकारी समितियों का बहुत बड़ा योगदान है.

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