Millets MSP: मोदी सरकार (Modi Government) के पिछले नौ साल के शासनकाल में ज्वार (Jowar), बाजरा (Bajra) और रागी (Ragi) के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) में 100 से 150 फीसदी तक की भारी बढ़ोतरी हुई. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2014-15 से 2023-24 के बीच ज्वार का एमएसपी 108% बढ़ा. वित्‍त वर्ष 2014-15 में ज्वार का MSP 1,550 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2023-24 में 3,225 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया.

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इसी तरह बाजरे का एमएसपी 2014-15 में 1,250 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2023-24 में 100% बढ़कर 2,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया. रागी का MSP नौ साल में 148% की भारी बढ़ोतरी के साथ 1,550 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 3,846 रुपये प्रति क्विंटल हो गया.

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मक्का के मामले में, एमएसपी 2014-15 में 1,310 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2023-24 में 59% बढ़कर 2,090 रुपये प्रति क्विंटल हो गया. जौ का एमएसपी 2014-15 में 1,150 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2023-24 में 50% बढ़कर 1,735 रुपये प्रति क्विंटल हो गया.

मोटे अनाज की खरीद और खपत को प्रोत्साहन

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 2023 बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष है, केंद्र सरकार लगभग हर साल राज्यों से मोटे अनाज की खरीद और खपत को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध करती रही है.

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मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि राज्यों से ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करके मोटे अनाज (Millets) को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू करने और मोटे अनाज की खपत के प्रति लोगों की भोजन की आदतों को फिर से उन्मुख करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने पर विचार करने का आग्रह किया गया है.

राज्यों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे जिला कलेक्टरों और जिला कृषि अधिकारियों को राज्य के भीतर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरण के लिए स्थानीय उपभोग प्राथमिकता के अनुसार मोटे अनाज और बाजरा के उत्पादन को प्रोत्साहित करने का निर्देश दें. केंद्र ने राज्य सरकारों से केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार मोटे अनाज (Millets) और बाजरा (Bajra) की खरीद करने का भी अनुरोध किया है.

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