Micro Irrigation: मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के किसानों को बड़ी सौगात दी है. राज्य सरकार ने सेंधवा कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बड़वानी जिले के 2 परियोजनाएं सेंधवा और निवाली उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना की नींव रखी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, मध्य प्रदेश में सिंचाई रकबे में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. 𝟐𝟎𝟎𝟑 में जहां सिंचाई रकबा 𝟑 लाख हेक्टेयर था, वह अब बढ़कर 𝟓𝟎 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है. 𝟐𝟎𝟐𝟖-𝟐𝟗 तक हम इसे 𝟏 करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखते हैं.

सेंधवा उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना

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1402.74 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से जिले के 98 ग्रामों में लगभग 44148.50 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा होगी. परियोजना से लगभग 53 हजार किसान लाभान्वित होंगे. बड़वानी तहसील के ग्राम खेड़ी के समीप से नर्मदा नदी के जल को 2.70 मीटर व्यास की पाइप लाइन के माध्यम से 501 मीटर की उंचाई तक जल उद्वहन किया जाएगा.

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दाबयुक्त जल से किसान स्प्रिंकलर/ड्रिप (Sprinkler/Drip Irrigation) के माध्यम से सिंचाई का फायदा ले सकेंगे एवं कम जल से अधिक सिंचाई का फायदा मिलेगा. इस पद्धति से सिंचाई के लिए किसानों को भूमि समतल करने की जरूरत नहीं होगी. परियोजना के मुख्य पाइप लाइन की कुल लंबाई 56.394 किलोमीटर है. 

परियोजना से लाभान्वित ग्राम- सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से सेंधवा तहसील के 67 ग्राम, राजपुर तहसील के 24 ग्राम, निवाली तहसील के 06 ग्राम, बड़वानी तहसील के 01 ग्राम के कृषक लाभान्वित होंगे.

निवाली उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना

1088.24 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से जिले के 87 ग्रामों में लगभग 33 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी. परियोजना के तहत तहसील पाटी के ग्राम बोरखेड़ी के समीप से नर्मदा नदी के जल को 2.60 मीटर व्यास की पाइप लाइन के माध्यम से 465 मीटर की उंचाई तक जल उद्वहन किया जाएगा.

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दाबयुक्त जल से किसान स्प्रिंकलर/ड्रिप के माध्यम से सिंचाई का फायदा ले सकेंगे और कम जल से अधिक सिंचाई का बेनिफिट मिलेगा. इस पद्धति से सिंचाई के लिए किसानों को भूमि समतल करने की जरूरत नही होगी। परियोजना के मुख्य पाइप लाइन की कुल लंबाई 40.183 किलोमीटर है. परियोजना से तहसील पाटी के 29 ग्राम, बड़वानी के 26 ग्राम और निवाली के 32 ग्रामों के कृषक लाभान्वित होंगे.